पुलिस वालों का नाम सुनते ही हमारे दिमाग में डर आ जाता है. पुलिस वालों की छवि भ्रष्टाचारी की बन चुकी है. लेकिन हर पुलिस वाला भ्रष्टाचारी नहीं है. किसी एक पुलिस वाले के गलत कामों की वजह से पूरे पुलिस डिपार्टमेंट के प्रति ऐसी राय बनाना सही नहीं है. हाल ही में नागपुर से एक ऐसा ही मामला सामने आया है.
नागपुर के सीताबर्डी इलाके में ट्रैफिक जोन के एक हवलदार ने 8 अगस्त को रोहित खडसे नामक एक ऑटो रिक्शा चालक पर 2000 रुपये का जुर्माना लगाया. रोहित पर ऑटो रिक्शा को नो पार्किंग में खड़े करने का आरोप था. इसी वजह से उस पर जुर्माना लगाया गया.
लेकिन रोहित के ऊपर इससे पहले भी कई चालान पेंडिंग में पड़े हुए थे. ऐसे में रोहित अपना ऑटो रिक्शा छुड़वाने के लिए जब पुलिस स्टेशन पहुंचा तो पुलिस ने उसे बताया कि उसे पिछले और जुर्माने भी भरने होंगे. तभी रोहित घर से आए और अपने बेटे का गुल्लक लाकर पुलिस वालों के सामने रख दिया, क्योंकि उनके पास चालान भरने के लिए भी पैसे नहीं थे.
रोहित की हालत देखकर ट्रैफिक जोन के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर अजय मालवीय ने दया दिखाते हुए रिक्शा चालक का पूरा चालान अपनी जेब से भर दिया. हर कोई अजय मालवीय द्वारा किए गए कार्य की प्रशंसा करने लगा. साथी पुलिसकर्मी भी भावुक हो गए. नागपुर पुलिस ने अपने ट्विटर हैंडल पर अजय मालवीय और रिक्शा चालक रोहित खडसे की तस्वीर के साथ यह किस्सा शेयर किया.
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