ऐसा कहा जाता है कि शादी का बंधन सात जन्मों का होता है. जब पति-पत्नी अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लेते हैं तो वह एक-दूसरे के साथ सात जन्मों के लिए बंध जाते हैं. शादी के फेरे लेते हुए नवविवाहित जोड़ा साथ जीने-मरने की कसमें खाता है. आज हम आपको एक ऐसे ही मामले के बारे में बता रहे हैं, जिसने यह कसम सच साबित की.
मध्यप्रदेश के नीमच जिले जावद तहसील के गोठा गांव से एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां पति की मौत के 2 घंटे बाद ही पत्नी ने भी अपने प्राण त्याग दिए. दोनों की अर्थी एक साथ उठी और अंतिम संस्कार भी एक साथ किया गया. यह नजारा देख लोगों की आंखों में भी आंसू आ गए.
खबर के मुताबिक, जावद तहसील के गोठा गांव में 85 साल के शंकर धोबी की अचानक से मृत्यु हो गई. पति शंकर धोबी की मृत्यु के कुछ समय बाद उनकी पत्नी बसंती बाई रोने लगीं और कुछ देर बाद उन्होंने भी अपने प्राण त्याग दिए और वह इस दुनिया को अलविदा कह गईं. बसंती देवी बोल नहीं पाती थीं. जब लोगों को यह खबर मिली कि पति-पत्नी ने एक साथ दुनिया को अलविदा कह दिया है तो गांव के लोग भारी संख्या में पहुंच गए और दंपत्ति की शव यात्रा में भी शामिल हुए.
बसंती और शंकर के शव को दूल्हे-दुल्हन की तरह सजा कर शव यात्रा निकाली गई. बेटे बद्रीलाल ने अपने माता-पिता को मुखाग्नि दी और अंतिम संस्कार किया. बेटे बद्री लाल ने बताया कि उनके माता-पिता एक-दूसरे से बहुत प्यार करते थे और एक-दूसरे से अलग नहीं रहते थे. हमेशा एक साथ ही जाते थे.
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