पिता बनाना चाहते थे इंजीनियर, लेकिन बेटी बन गई डिप्टी कलेक्टर, दिलचस्प है सुप्रिया गुप्ता की कहानी

यह कहानी है शाहजाहपुर में ट्रेनी डिप्टी कलेक्टर सुप्रिया गुप्ता की, जो ददरौल ब्लॉक में खंड विकास अधिकारी के पद पर अपनी सेवाएं दे रही हैं. सुप्रिया के पिता चाहते थे कि उनकी बिटिया इंजीनियर बने. लेकिन बचपन से ही उनका सपना प्रशासनिक अधिकारी बनने का था.

सुप्रिया ने अपने माता-पिता की बात ना मानकर करियर के लिए जोखिम उठाया. वह 2017 में पहली बार पीसीएस परीक्षा में फेल हो गई थी. लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी. 2018 बैच की पीसीएस परीक्षा में वह डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हो गई.

उन्हें न्यूज़ पेपर पढ़ने से अधिकारी बनने की प्रेरणा मिली थी. कड़ी मेहनत और लगन के दम पर उन्होंने यह मुकाम हासिल कर लिया. अब वह आईएएस बनना चाहती हैं और इसके लिए पढ़ाई भी कर रही हैं. सुप्रिया कहती हैं कि अगर कुछ कर दिखाने का जज्बा और जुनून हो तो सपनों को हासिल किया जा सकता है.

विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी मंजिल प्राप्त की जा सकती है. शुरुआत में भले ही सुप्रिया के पिता उनके साथ नहीं थे. लेकिन बेटी के डिप्टी कलेक्टर बनने के बाद पिता को भी अपनी बेटी पर गर्व है.

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