यह कहानी है आईपीएस अधिकारी अमृता दुहन की, जिनके लिए यूपीएससी परीक्षा पास करना बहुत ही मुश्किल रहा. अमृता हरियाणा के रोहतक की रहने वाली हैं. वह एमबीबीएस के बाद पैथोलॉजी में एमडी बन गईं. इसके बाद वह उन्होंने बीपीएस मेडिकल कॉलेज फॉर वुमन में असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी करने लगीं. इसी दौरान उनकी शादी हो गई. शादी के बाद उनका एक बेटा भी हुआ. लेकिन बचपन से ही वह आईपीएस बनने का सपना देखती थीं, जिसे वह पूरा करना चाहती थीं.
बेटे के जन्म के कुछ समय बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा देने का निर्णय किया. वह पहले से ही अच्छी नौकरी कर रही थीं, जिससे उनके परिवार वाले खुश थे. अमृता के भाई ने जब यूपीएससी परीक्षा पास की तो उनके मन में भी यूपीएससी परीक्षा देने की इच्छा जागी. उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी.
हालांकि उन्होंने अपने बेटे और परिवार का भी पूरा ध्यान रखा. साथ ही नौकरी भी की. अमृता ने कड़े संघर्ष के बाद 2016 में यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल कर ही ली. अमृता की कड़ी मेहनत और लगन का ही नतीजा है, जो आज वह एक आईपीएस अधिकारी हैं. अमृता ने 33 साल की उम्र में ट्रेनिंग शुरू की थी.
आईपीएस अधिकारी बनने के लिए बहुत ही कड़ी ट्रेनिंग से गुजरना पड़ता है. लेकिन उन्होंने हर दर्द सहा. अमृता को ट्रेनिंग के दौरान काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, क्योंकि वह पहले ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी नहीं करती थीं. उन्हें ट्रेनिंग के दौरान कई बार चोट भी लगी. मौजूदा समय में वह जयपुर में डीसीपी ट्रैफिक के पद पर अपनी सेवाएं दे रही हैं.
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