यह कहानी है नमिता शर्मा की जिन्होंने 7 साल के लंबे संघर्ष के बाद अपने लक्ष्य को हासिल किया और यूपीएससी परीक्षा में सफल होकर आईएएस अधिकारी बन गई. नमिता ने 12वीं के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की और फिर उनकी आईबीएम में नौकरी भी लग गई.
नमिता ने कुछ साल तक नौकरी की. लेकिन वह इस काम से खुश नहीं थी. तो उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला किया. इस वजह से उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी. हालांकि यूपीएससी में पास होने के लिए उन्हें 7 साल तक संघर्ष करना पड़ा. 5 बार तो उन्हें नाकामयाबी झेलनी पड़ी. लेकिन अपने आखिरी प्रयास में उन्होंने सफलता हासिल कर ही ली.
पहली बार जब नमिता यूपीएससी परीक्षा में बैठी थी तो वह प्री भी पास नहीं कर पाई थी. फिर उन्होंने दूसरी बार भी परीक्षा दी. लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. पांच प्रयासों तक नमिता असफल होती रही. पांचवें प्रयास में वह परीक्षा में तो पास हो गई. लेकिन इंटरव्यू राउंड में उनको सफलता नहीं मिल पाई. फिर भी नमिता ने हार नहीं मानी और मेहनत करती रही.
नमिता ने छठवीं बार जब यूपीएससी परीक्षा दी तो उन्होंने ऑल इंडिया में 145वीं रैंक हासिल की और उनको आईएएस अधिकारी के रूप में चयन कर लिया गया. नमिता का कहना है कि यूपीएससी परीक्षा में सफल होने के लिए सही रणनीति बनाना और समय प्रबंधन बहुत ही जरूरी है. अगर आप असफल हो भी जाते हैं तो निराश ना हो. मेहनत करते रहें, सफलता जरूर मिलेगी.
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