हिंदू धर्म की परंपराओं के मुताबिक कुछ ऐसे काम हैं, जो केवल बेटे ही कर सकते हैं, बेटियां नहीं. लेकिन कई बार हालातों की वजह से परंपराएं बदलनी पड़ जाती है. यूपी के झांसी से एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां बेटे की होते हुए भी चार बेटियों ने पिता की अर्थी को कंधा दिया.
शुक्रवार को जिले के नवाबाद थाना क्षेत्र के डडियापुरा गल्ला मंडी रोड निवासी गौरेलाल साहू की हार्टअटैक की वजह से अचानक मौत हो गई. सूचना मिलते ही चारों बेटियां पिता के पास पहुंच गई. बेटियों ने नम आंखों से अपने पिता को अंतिम विदाई दी और उनके शव को कंधा दिया.
हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार पिता का अंतिम संस्कार किया गया. लेकिन जब बेटियों ने पिता को मुखाग्नि दी तो लोग हैरान रह गए. जब पत्रकारों ने इस मामले में मृतक की बेटी से पूछा कि आप लोगों ने भाई के होते हुए भी अपने पिता की अर्थी को कंधा क्यों दिया.
तो उन्होंने बताया कि हमारा भाई हमेशा पिता से लड़ता रहता था और उन्हें प्रताड़ित करता था. इस वजह से हम सब बहनें मिलकर अपने पिता की देखभाल करते थे. जब पिता का निधन हुआ तो हमने तय किया कि हम भाई को अपने पिता के शव को हाथ तक नहीं लगाने देंगे. फिर हम सबने मिलकर अंतिम संस्कार की रस्में निभाई.
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