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Success Story

मिलिए रेवती से, जो पिता की मदद के लिए करती है मैकेनिक का काम

जब भी मैकेनिक से जुड़े काम की बात होती है तो यह माना जाता है कि यह काम केवल मर्दों का है, लड़कियों का नहीं. लेकिन ऐसा नहीं है. विशाखापट्टनम की रहने वाली रेवती ने यह साबित भी कर दिया कि लड़कियां वाहन चलाने से लेकर उसे ठीक करने तक हर काम में मर्दों की बराबरी कर सकती हैं.

रेवती अपने पिता के बिजनेस में उनकी मदद करती हैं. वह अपने पिता रामू की मैकेनिक की दुकान पर काम करती हैं. जब रेवती स्कूल से पढ़ने के बाद आती हैं तो शाम को अपने पिता की मदद करती हैं. लोगों को उनका काम पसंद भी आने लगा. इस तरह यह उनका शौक बन गया.

जब रेवती आठवीं में थीं, तभी उन्होंने सीख सीख लिया था कि टायर पैच को कैसे ठीक किया जाए. अब रेवती एक वाहन को पूरी तरह से ठीक करना जानती हैं. उन्होंने बीकॉम की डिग्री हासिल कर ली है. रेवती के पिता रामू सुजाता नगर में एक मैकेनिक की दुकान चलाते हैं. वह अपने पिता की मदद करने के लिए स्कूल से सीधा दुकान पर आ जाती हैं. इस काम से उन्हें बहुत ज्यादा खुशी मिलती है.

रेवती ने 17 साल की उम्र में ही कार, दुपहिया इंजन के क्लच, प्लेट आदि समस्याओं को ठीक करना सीख लिया था. शुरुआत में रेवती के पिता उन्हें यह काम करने नहीं देना चाहते थे, क्योंकि वह एक लड़की हैं. लेकिन रेवती की लगन और उत्साह को देखकर उन्होंने भी रेवती को काम करने की इजाजत दे दी.

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