इस पुलिस वाले के बदौलत पत्थर तोड़ने वाला दिलीप सिंह राणा बना द ग्रेट खली

द ग्रेट खली को आप सब जानते ही होंगे. लेकिन उनका असली नाम दलीप सिंह राणा है. 27 अगस्त 1972 को हिमाचल प्रदेश के धिरैना कस्बे में जन्मे दलीप सिंह राणा सात भाई-बहन थे. उनके पिता साधारण किसान थे. लेकिन बचपन से ही दलीप का डील-डौल बहुत तेजी से बढ़ रहा था. शुरुआती दिनों में दलीप पत्थर तोड़ते थे, जिससे मिलने वाले पैसों से उनका खर्चा चलता था. वह कुछ समय बाद शिमला चले गए, जहां उन्होंने पर्सनल सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी की.

1994 में पंजाब पुलिस में आईजी महल सिंह भुल्लर ने नौजवानों के पुलिस में भर्ती का माहौल बनाया. उस समय हर रोज 200-300 लड़कों की पुलिस में भर्ती हुआ करती थी. लड़कों की अच्छी हाइट और अच्छी हेल्थ होने पर उन्हें पंजाब पुलिस में शामिल कर लिया जाता था. खली की हाइट 7 फीट 1 इंच थी. जब महल सिंह भुल्लर और अधिकारियों ने दलीप सिंह राणा को देखा तो उन्होंने उनको पंजाब पुलिस में भर्ती करवा दिया.

नौकरी ज्वाइन करने के 1 साल तक वह शॉटपुट में हाथ आजमाते रहे. लेकिन फिर उन्होंने बॉडीबिल्डिंग शुरू कर दी. एक इंटरव्यू में खली ने बताया था कि वह जब बॉडीबिल्डिंग करते थे तो उस समय नया-नया केबल टीवी आया था, जिस पर उन्होंने डब्ल्यूडब्ल्यूई की फाइट देखी. तो उन्हें पहले तो वह अंग्रेजी फिल्म लगी. उन्हें रेसलिंग देखने में बहुत मजा आता था. जब वह पहलवानों को टीवी पर लड़ते देखते थे तो उन्हें ऐसा लगता था कि वह भी रेसलर बन सकते हैं. उनके साथी उन्हें अंडरटेकर, बिग शो जैसा बताते थे.

यही बात उनके दिमाग में बैठ गई. फिर उन्होंने डब्ल्यूडब्ल्यूई के बारे में पता किया और अपने मित्र की मदद से इमेल किया. डब्ल्यूडब्ल्यूई से हरी झंडी मिलने के बाद वह पहली बार सैन फ्रांसिस्को में ट्रेनिंग के लिए गए. 4 साल तक उन्हें जापान में ट्रेनिंग मिली, जिसके बाद उन्होंने एक मूवी में काम किया. 2005 में वह डब्ल्यूडब्ल्यूई में गए, जहां उन्हें द ग्रेट खली के रूप में पहचान मिल गई. वह 2014 तक डब्ल्यूडब्ल्यूई में रहे.

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