इस वर्ष कब मनाया जा रहा है तुलसी विवाह, जाने शुभ तिथि तथा शुभ मुहूर्त, साथ ही जाने पूजन विधि!!

हिंदू पंचांग के अनुसार तुलसी विवाह हर साल कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन एकादशी व्रत, देवउठनी एकादशी, तुलसी विवाह मनाया जाता है। इस दिन तुलसी विवाह विधि विधान के साथ किया जाता है। तुलसी विवाह माता का विवाह भगवान विष्णु के शालिग्राम अवतार के साथ किया जाता है। इसका विशेष महत्व है और पुण्य फल देता है।

किस वर्ष कब है तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त
इस बार तुलसी विवाह 15 नवंबर 2021 दिन सोमवार को मनाया जाएगा। यह हर वर्ष कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन कार्तिक शुक्ल की एकादशी तिथि सुबह 6:39 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 16 नवंबर दिन मंगलवार को 8:01 पर समाप्त होगी। हिंदू धर्म में मानने वाले इस दिन भगवान विष्णु जी के शालिग्राम अवतार के साथ मां तुलसी का विवाह करेंगे।

जाने तुलसी विवाह का महत्व
प्राचीन कथा के मुताबिक तुलसी विवाह करने के पीछे एक कथा बहुत प्रचलित है जब भगवान शिव का जालंधर नाम का एक अंश देवी वृंदा यानी तुलसी से शादी कर अमर होना चाहता था, लेकिन भगवान विष्णु ने राक्षस का विनाश करने के लिए उसकी इस इच्छा को पूरा नहीं होने दिया और देवी वृंदा से भगवान विष्णु ने स्वयं विवाह किया तब से हिंदू पंचांग की तिथि के मुताबिक हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवी वृंदा जाने तुलसी जी का विवाह तुलजा जी भगवान विष्णु से किया जाता है।

तुलसी विवाह के लिए जाने पूजन सामग्री
तुलसी विवाह के लिए कुछ खास चीजों का होना बहुत जरूरी होता है ऐसे में महत्वपूर्ण चीजें हैं। गन्ने, गन्ने से मंडप का निर्माण किया जाता है इसलिए बहुत जरूरी होते हैं। उसके नीचे भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित की जाती है, इसके बाद मंत्रों के साथ भगवान विष्णु के शालिग्राम के स्वरूप की पूजा की जाती है।

पूजा में मूली,शकरकंद, सिंघाड़ा, आंवला, बेल, सीताफल, अमरुद और हर ऋतु के फल चढ़ाए जाते हैं। इसके बाद माता तुलसी को सुहाग का सारा सामान चढ़ाया जाता है उन्हें चुनरी, उड़ाई जाती है, फूल चढ़ाए जाते हैं और बिंदी सिंदूर मंगलसूत्र जैसे सुहाग के सारे सामान चढ़ाए जाते हैं। इसके बाद धूप दीप और नैवेद्य मिठाई आदि भोग के स्वरूप चढ़ाकर तुलसी विवाह का पूजन किया जाता है।

इस मंत्र का जाप अवश्य करें
तुलसी विवाह के दिन 108 बार ओम “भगवते वासुदेवाय नमः” का मंत्र उच्चार करना चाहिए। इससे दांपत्य जीवन में आने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलता है और जीवन सुख बना रहता है और अगर जिवन में दुख है तो उससे भी आपको छुटकारा मिलता है।

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