एक अजनबी की बात दिल पर ऐसे लगी कि बस कंडक्टर की बेटी बन गई IPS अधिकारी

लड़कियां आज किसी भी मामले में लड़कों से पीछे नहीं है. हर क्षेत्र में वह लड़कों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं. लेकिन आज भी लड़कियों को अपना सपना पूरा करने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ता है. आज हम आपको देश की उस बेटी की कहानी बता रहे हैं जिसने अपने माता-पिता का ही नहीं देश का नाम भी रोशन किया.

हम आईपीएस ऑफिसर शालिनी अग्निहोत्री की बात कर रहे हैं जिन्होंने बचपन में आईपीएस बनने का सपना देखा था. शालिनी के पिता रमेश एचआरटीसी बस में कंडक्टर हैं, उनकी मां एक हाउसवाइफ हैं. शालिनी अपने गांव की पहली आईपीएस ऑफिसर बनी. इतना ही नहीं उन्हें सर्वश्रेष्ठ आईपीएस ट्रेनी भी चुना गया.

शालिनी के बचपन से ही पढ़ाई में काफी अच्छी थीं. उन्होंने हिमाचल प्रदेश एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की और आईपीएस की तैयारी में जुट गई. शालिनी को सर्वश्रेष्ठ आईपीएस ट्रेनी के खिताब के साथ ही प्रधानमंत्री के प्रतिष्ठित बेटन और गृह मंत्री की रिवॉल्वर भी दी गई.

शालिनी ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी तो इस बारे में उन्होंने किसी को नहीं बताया था. यहां तक कि उन्होंने अपने परिवार को भी इसका पता नहीं चलने दिया था. शालिनी ने मई 2011 में यूपीएससी की परीक्षा दी और फिर मार्च 2012 में इंटरव्यू दिया. जब उनका रिजल्ट आया तो उन्होंने 285वीं रैंक हासिल की. दिसंबर 2012 में उन्होंने हैदराबाद में ट्रेनिंग ज्वाइन की और अपने बैच में टॉप किया.

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