आज हम आपको राजस्थान के चुरू जिले के एक परिवार के बारे में बता रहे हैं जहां की 8 लड़कियां नेशनल प्लेयर है. इनके पिता भेड़ बकरियां चराते हैं. चौधरी परिवार के तीन भाइयों की 8 बेटियां हैं और आठों ने एथलेटिक्स में अपनी पहचान बना ली है. गांव के लोगों को इन बेटियों पर बहुत गर्व होता है. इन्होंने खेत को ही खेल का मैदान बना लिया. इस गांव की कुछ लड़कियां सरकारी नौकरी कर समाज सेवा भी मेरी मदद कर रही हैं.
सरोज ने जीता गोल्ड मेडल
सरोज देवकरण चौधरी की बेटी है. सरोज के पिता भेड़ बकरियां चराते हैं. सरोज स्टेट लेवल के कंपटीशन में 30 से ज्यादा गोल्ड मेडल जीत चुकी है.
देवकरण चौधरी की दूसरी बेटी सुमन नेशनल लेवल तक एथलेटिक्स में अपना जलवा बिखेर चुकी है.
देवकरण चौधरी की तीसरी बेटी कमलेश चौधरी 6 बार स्टेट लेवल पर मेडल जीत चुकी है और फिलहाल पुलिस कांस्टेबल के पद पर अपनी सेवाएं दे रही हैं.
दूसरे भाई शिशुपाल चौधरी की बेटी कैलाश कुमारी नेशनल लेवल तक खेल चुकी हैं. वह फिलहाल सीआईडी सीबी में कॉन्स्टेबल है.
शिशुपाल चौधरी की दूसरी बेटी सुदेश एथलेटिक्स कंपटीशन में स्टेट लेवल पर 20 मेडल जीत चुकी हैं. फिलहाल वह पुलिस कांस्टेबल के पद पर सेवाएं दे रही हैं और अपने परिवार का नाम रोशन कर चुकी है.
शिशुपाल चौधरी की चौथी बेटी पूजा स्टेट लेवल पर 5 मेडल जीत चुकी हैं.
तीसरे भाई रामस्वरूप चौधरी की बेटी सुमित्रा ने स्टेट लेवल पर दो मेडल जीते हैं. वह फिलहाल आरएसी में कॉन्स्टेबल के रूप में काम कर रही हैं.
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