काढ़ा बनाते समय कभी भी इन गलतियों को ना करें, नहीं तो काढा फायदे की जगह देने लगेगा आपको नुकसान

जब से कोरोना काल आया है तब से सभी लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति बहुत सजग हो गए हैं ऐसे ने करुणा से बचने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं। उसमें काढ़ा का सेवन करना सबसे ज्यादा फेमस उपाय है। अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए अपने शरीर को कमजोरी से बचाने के लिए अपने शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता और ईम्युन सिस्टम को स्ट्रांग करने के लिए काढ़ा का उपयोग करोना काल में सबसे ज्यादा किया गया है। ऐसे में काढ़ा बनाना और काढ़ा बनाने की रेसिपी भी करोना काल में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध हुई है। इसमें कोई भी शक नहीं है कि भारतीय आयुर्वेदिक परंपरा से निकले काढा ने कोरोनावायरस सिस्टम को और प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद की है

ऐसे में विभिन्न प्रकार की कंपनियां अपने अलग-अलग कारोना से रिलेटेड प्रोडक्ट को लांच करने में पीछे नहीं है लेकिन बाजार से लाए हुए कार्य के पैकेट के अंदर एक स्लिप में उसे बनाने का तरीका लिखा होता है इसके बावजूद लोग घर पर मौजूद समाज काढ़ा बनाने में अब बाजार से खरीदे हुए काढे को बनाने में गलती कर देते हैं जिसके वजह से उनको इसका प्रतिकूल प्रभाव प्राप्त नहीं हो पाता है और उन्हें लगता है कि यह काढ़ा उन्हें सूट नहीं कर रहा है लेकिन यह पूरी तरह से गलत है। आपके द्वारा ही काला बनाने में की गई गलतियों की वजह से ही आपको इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ते हैं क्योंकि काढ़ा बनाने में की गई छोटी सी गलती भी आपको इसका विपरीत प्रभाव देने लगती है यह आपको फायदे की बजाय नुकसान दे सकता है तो चलिए जानते हैं कि कार्ड बनाते समय किस बातों की सावधानी रखना अत्यंत आवश्यक होता है।

आखिर क्यों काढ़ा बनाते समय होती है यह सब गलतियां
आपको हम बता देना चाहते हैं कि डॉक्टर और हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि काला बनाते वक्त लोगों को कुछ ऐसी गलतियों को करने से बचना चाहिए नहीं तो इन गलतियों की वजह से उन्हें इसका विपरीत प्रभाव और बुरा प्रभाव प्राप्त हो सकता है। यह काढ़ा उन्हें फायदा पहुंचाने की जगह पर उल्टा प्रभाव देने लगता है कुछ लोग तो कहते हैं कि नाक बंद करके पी जाओ आयुर्वेदिक चीज है नुकसान कभी भी नहीं होगा लेकिन यह बात बिल्कुल भी नहीं भूलना चाहिए कि यदि काढे में गुणकारी तत्व की सही मात्रा का ख्याल नहीं रखा गया तो यह आपको नुकसान और आपक शरीर को भी नुकसान पहुंचा सकता है।

काढ़ा का सेवन और बनाते समय इन बातों का जरूर ध्यान दें
आपको हम बता देना चाहते हैं कि काढ़ा बनाते समय सबसे जरूरी है कि इसकी मात्रा का ध्यान जरूर रखना चाहिए। इसमें डरने वाली जड़ी बूटी और आयुर्वेदिक प्रोडक्ट को अगर हम संतुलित मात्रा में उपयोग नहीं करेंगे तो यह हम को नुकसान पहुंचा सकता है।

■यदि आपको काढा बहुत स्ट्रॉन्ग लग रहा है और आप इसे पीने में आपको जलन महसूस हो रही है तो आप दालचीनी, कालीमिर्च, अश्वगंधा और सौठ की मात्रा को थोड़ा कम रखें।
■अगर आपको काढ़ा पीने की आदत नहीं है तो कभी कबार पीने वाले को एक कप से ज्यादा काढ़ा का सेवन नहीं करना चाहिए।
■यदि आपको किसी आयुर्वेदिक समान या फिर दालचीनी अश्वगंधा काली मिर्ची या किसी भी चीज जो कि काले में डाल रही है उससे एलर्जी की शिकायत है तो उसका सेवन आपको बिल्कुल भी भूल कर नहीं करनी चाहिए।
■यदि आपको पित्त की शिकायत है उससे भी काली मिर्च डाल में दालचीनी का इस्तेमाल करने से आपको बचा नहीं चाहिए कुछ लोग अदरक के साथ सूट भी डाल देते हैं लेकिन लोगों को इस से भी बच कर रहना चाहिए।
■काढा बनाते वक्त बर्तन में सिर्फ 100 मिलीलीटर पानी डालें फिर जरूरी चीजों को मिलाने के बाद उसे तब तक उबालें जब तक काला 50 मिनट या आधा ना हो जाए इसके बाद उसे छानकर ठंडा होने के बाद इसका सेवन करें।

शायद यह हो सकती है दिक्कत
आपको हम बता देना चाहते हैं कि कुछ डॉक्टर्स और हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि काढ़ा पीने वाले लोगों की उम्र मौसम हेल्थ को मॉनिटर करना सबसे ज्यादा जरूरी होता है।

■रेगुलर काढ़ा पीने वाले कमजोर स्वास्थ्य के लोगों को कई बड़ी दिक्कत भी उत्पन्न हो सकती है नाक से यदि खून आ रहा है मुंह में छाले पड़ रहे हैं एसिडिटी पेशाब आने की समस्या है और हाइड्रेशन की समस्या आपको घेर रही है ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और काढा को पीने से रुक जाना चाहिए।

■काढा बनाने में अक्सर लोग काली मिर्च, दालचीनी, हरदी, गिलोय, अश्वगंधा, इलायची और सौठ भी डाल देते यह सब चीजों को अपने शरीर को काफी गर्म कर देती है शरीर का तापमान बढ़ने से नाक से खून आने की समस्या होने लगती है इसलिए ऐसी की मात्रा बहुत कम रखनी है।

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