खेती-किसानी और दूध बेचकर मां ने बड़ी मेहनत से 4 बेटियों को पढ़ाया, अब चारों बनीं सिपाही

मां अपने बच्चों के लिए क्या कुछ नहीं कर सकती. रैपुरा अहीर गांव की मछला देवी भी ऐसी मांओं में से एक है. उन्होंने अपनी औलाद को कामयाब बनाने के लिए खूब मेहनत की और आज उनकी चारों बेटियां यूपी पुलिस में है और बेटा पीएसी में है. मछला देवी के पति वीरेंद्र सिंह का निधन हो गया था, जिसके बाद उन्होंने खुद ही पूरे परिवार की जिम्मेदारी उठा ली. खेती बाड़ी की, पशु पालन किया, दूध बेचा और अपने बच्चों को पढ़ाया.

मछला देवी ने बताया कि मैं खुद पढ़ी लिखी नहीं हूं, लेकिन मैं जानती हूं कि पढ़ाई में कितनी ताकत है. जब 2002 में मेरे पति का निधन हो गया तो काफी मुश्किलें आईं. मुझे घर भी संभालना था और खेत भी. मैं सुबह उठते ही खेत पर जाती, बच्चों को दौड़ के लिए भेजती. मुझे नौकरियों के बारे में ज्यादा पता नहीं था. लेकिन इतना पता था कि पुलिस और फौज में जाने के लिए दौड़ में पास होना जरूरी है.

मछला देवी ने अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए अपने गहने भी बेच दिए. मछला देवी की बेटी सुनीता के दोनों गुर्दों में पथरी हो गई. उन्हें आरपीएफ में भर्ती के लिए दौड़ लगानी थी. लेकिन पथरी का दर्द हो रहा था. वह ऑपरेशन नहीं करा सकती थी. इसलिए वह दर्द के साथ ही दौड़ी और उन्होंने टॉप किया. लेकिन फिर भी उनका आरपीएफ में चयन नहीं हो सका. इसके बाद उन्होंने पुलिस की तैयारी शुरू कर दी.

2016 में अपनी मेहनत के दम पर वह यूपी पुलिस में भर्ती हो गई. जब सुनीता की नौकरी लग गई तो उन्होंने पूरे परिवार की जिम्मेदारी संभाल ली और अपने तीनों बहनों और भाई को पुलिस भर्ती के लिए तैयार किया. 2019 में उनकी तीनों बहनों की पुलिस में भर्ती हो गई और 2020 में उनके भाई का पीएसी में चयन हो गया.

सुनीता की बहन कुंती जब बीएससी कर रही थीं, तब पुलिस भर्ती निकली थी और वह पहली ही बार में पास हो गई थीं. वहीं उनकी बहन रंजीता बीएससी के बाद B.Ed की तैयारी कर रही थीं. लेकिन अपनी बहन को पुलिस में देखकर उन्होंने भी तैयारी शुरू कर दी और तीनों बहनों ने एक साथ फॉर्म भी भरा और सबका चयन हो गया. जब चारों बहनें पुलिस में भर्ती हो गई तो भाई धीरज कैसे पीछे रहता. धीरज ने 2020 में बीएससी में निकली भर्ती के लिए कोशिश की और पहली ही बार में उनका चयन हो गया.

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