गांव के लोग विधवा को मानते थे अपशगुन, लड़के ने सहारा बनकर कायम की मिसाल

हर व्यक्ति स्वार्थी बनता जा रहा है. अब उसे अपने अलावा किसी और का दर्द नहीं दिखाई देता. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी प्रेम कहानी के बारे में बता रहे हैं जिसके बारे में जानकर आपका भी प्यार पर भरोसा बढ़ जाएगा. यह कहानी अफगानिस्तान के जलालाबाद की है, जहां अफसाना नाम की एक लड़की रहती थी. उसका बचपन आम बच्चों की तरह ही बीता. बाद में उसकी शादी गांव के एक लड़के से करा दी गई.

लड़का फौज में नौकरी कर रहा था. लेकिन शादी के कुछ समय दिन बाद ही युद्ध में लड़ते हुए वह शहीद हो गया. इसके बाद अफसाना विधवा हो गई. कुछ दिन बाद अफसाना के पिताजी की भी मृत्यु हो गई, जिसके बाद ससुराल वालों ने उसे घर से बाहर कर दिया. हालांकि उस समय उसकी मदद एक लड़के ने की, जो उसका दोस्त था और उम्र में भी उससे छोटा भी था.

अफसाना तो सलमान नाम के उस लड़के को अपना दोस्त ही समझती थी. लेकिन सलमान अफसाना से बचपन से ही प्यार करता आ रहा था. लेकिन सलमान अपनी पढ़ाई के लिए शहर चला गया और नौकरी करने लगा. वह 9 सालों बाद अपने घर वापस लौटा. वह अपने घरवालों और अफसाना से मिलने को बेताब था. लेकिन जब वह गांव लौटने के बाद उस पीपल के पेड़ के नीचे बैठ गया, जहां बचपन में वह अफसाना के साथ खेलता होता था. वहां उसने एक लड़की को मैले-कुचले कपड़ों में देखा. तब उसे पता चला कि वह लड़की अफसाना ही है.

अफसाना की ऐसी हालत देखकर वह हैरान रह गया. उसने जब अफसाना से उसके रोने का कारण पूछा तो सलमान की अम्मी आ गई. सलमान की अम्मी ने बेटे को अफसाना के साथ देखकर बोला- इसके साथ मत रहो, तुम्हारे भी बुरे दिन शुरू हो जाएंगे. सलमान अम्मी के कहने पर घर तो आ गया. लेकिन उसका मन बेचैन था. वह अफसाना की मदद करना चाहता था.

कुछ दिन बाद सलमान फिर से पीपल के पेड़ के पास गया, जहां अफसाना बैठी हुई थी. उसने अफसाना को सहारा दिया और उसने अफसाना से शहर जाकर नई जिंदगी शुरू करने की बात कही. सलमान के काफी मनाने के बाद अफसाना शहर जाने को तैयार हो गई. अब वह एक अच्छी जिंदगी जी रही है.

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