कहते हैं अगर मेहनत की जाए तो कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है. आज हम आपको किशोर कुमार रजक के बारे में बता रहे हैं जिनके पिता कोयला की खदान में काम करते थे. किशोर कुमार बेहद गरीब परिवार में जन्मे. उनकी परवरिश आम बच्चों की तरह हुई. उनके यहां बिजली की सुविधा भी नहीं थी. लेकिन उन्होंने खूब मेहनत की और वह डीसीपी बन गए.
किशोर के पिता उन्हें कलेक्टर बनाना चाहते थे. लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह अपने बेटे को बड़े स्कूल में पढ़ा सकें. किशोर कुमार ने खुद ही अपनी पढ़ाई का खर्च उठाने का निर्णय किया. वह गाय-बकरी चरा. पढ़ाई से वक्त मिलता तो खेतों में काम करने जाते थे.
किशोर कुमार ने खूब मेहनत की और इतिहास से ग्रेजुएशन की शिक्षा प्राप्त की. इसके बाद वह यूपीएससी की तैयारी में जुट गए. किशोर दिल्ली आ गए. लेकिन उनके पास पैसों की कमी थी, इस वजह से वह जिस कमरे में रहते थे, उसके मालिक के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते थे.
2011 में किशोर कुमार रजक ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली और वह असिस्टेंट कमांडेंट बन गए. आगे उनका सिलेक्शन डीएसपी पद के लिए हुआ.
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