जानिए कैसे साइकिल दुकानदार की बेटी बनी गृह मंत्रालय में बड़ी ऑफिसर

यह कहानी है बिहार के पूर्णिया जिले की रहने वाली नीलू की, जो गृह मंत्रालय, दिल्ली में असिस्टेंट सेक्सनल अधिकारी के पद पर अपनी सेवाएं दे रही हैं. नीलू के पिता साइकिल मरम्मत की दुकान चलाते हैं. इसी दुकान से उनके परिवार का खर्चा चलता था. नीलू अपने पिता फुलेश्वर साह की तीसरी संतान है. बचपन से ही वह पढ़ाई-लिखाई में बहुत तेज थी.

इसी वजह से उनके पिता ने उन्हें खूब पढ़ाया. लेकिन किसी को यह नहीं पता था कि एक दिन नीलू अपने पिता का नाम इस तरह से रोशन करेगी. नीलू ने 2007 में पहले ही प्रयास में नवोदय परीक्षा पास कर ली थी. बारहवीं तक उनकी पढ़ाई नवोदय से हुई. इसके बाद उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय में एडमिशन ले लिया और ग्रेजुएशन पास की.

आगे की पढ़ाई के लिए नीलू को और पैसों की जरूरत थी. उनके पिता ने किसी तरह से पैसे जोड़े और नीलू को भेजते रहे. नीलू को इस बात का पता भी नहीं चला. लेकिन नीलू ने भी अपने पिता के अरमानों पर पानी नहीं फेरा. ग्रेजुएशन के बाद उन्हें रेलवे के धनबाद डिवीजन में ग्रुप सी में तकनीशियन के पोस्ट पर नौकरी मिल गई.

फिर भी उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और उन्होंने एसएसपी के तहत आने वाली पीजीआई परीक्षा पास की और उनको गृह मंत्रालय, दिल्ली में असिस्टेंट सेक्सनल ऑफिसर के पद पर नियुक्ति मिल गई. अभी भी नीलू अपनी पढ़ाई जारी रखे हुए हैं. वह यूपीएससी और बीपीएससी की तैयारी में लगी हुई हैं.

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