
आईएएस और पीसीएस पदों के लिए हर साल लाखों अभ्यर्थी आवेदन करते हैं. आईएएस के लिए 3 चरणों में परीक्षा होती है जो यूपीएससी आयोजित करता है. यह परीक्षा देश की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक मानी जाती है. पीसीएस परीक्षा भी कुछ हद तक यूपीएससी की तरह ही होती है. हालांकि यह वैचारिक क्षमताओं की तुलना में तथ्यात्मक ज्यादा होती है. लेकिन एक पीसीएस अधिकारी को कुछ वर्ष सेवाएं देने के बाद आईएएस के पद पर प्रमोट भी किया जा सकता है. पर ऐसा कब और कैसे होता है. आइए जानते हैं
कैसे पीसीएस अधिकारी बन सकता है आईएएस
आईएएस अधिकारियों का चुनाव भारत के राष्ट्रपति करते हैं जो राज्य सरकार के अधीन काम करते हैं. लेकिन आईएएस और पीसीएस की जिम्मेदारी और सुविधाओं में अंतर होता है. पीसीएस अधिकारियों को विभिन्न पदों से गुजरने के बाद आईएएस अधिकारी के रूप में प्रमोट किया जाता है. मान लीजिए अगर कोई अधिकारी यूपीपीसीएस के तहत कार्यरत है तो उसकी शुरुआती पोस्ट SDM यानी लेवल -10 की होगी और उन्हें आईएएस अधिकारी बनने के लिए पांच प्रमोशन लगेंगे. तभी वह आईएएस बन पाएंगे.
यह प्रक्रिया बहुत धीमी होती है जिसमें 15 से 20 साल लगते हैं. जिन लोगों को 14 स्तर तक पदोन्नत करने के बाद आईएएस अधिकारी के रूप में पदोन्नत नहीं किया जाता, उन्हें वेतन स्तर 15 दिया जाता है और उन्हें अधिक्रमित के रूप में जाना जाता है. हर राज्य की प्रमोशन प्रक्रिया अलग-अलग होती है. तमिलनाडु राज्य में प्रमोशन में बहुत कम समय लगता है. जबकि बिहार में लेवल 14 तक पहुंचने में 20 साल तक लग जाते हैं.
कैसे होता है पीसीएस से आईएएस तक प्रमोशन
केंद्र सरकार से चर्चा के बाद राज्य सरकार आईएएस अधिकारियों के रूप में पदोन्नति पाने के लिए पीसीएस अधिकारियों की एक सूची प्रदान करती है. हालांकि इसके लिए कुछ पात्रता मापदंड है, जैसे- चयनित व्यक्ति की उम्र 54 वर्ष से कम होनी चाहिए. अपने सेवाकाल के दौरान अधिकारी के खिलाफ कोई आरोप पत्र दाखिल ना किया गया हो. अधिकारियों के सेवा रिकॉर्ड की भी जांच की जाएगी.
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