
दुनिया में बहुत कम लोग ही ऐसे होते हैं जो कठिन परिस्थितियों से भी हार नहीं मानते और डट कर उनका सामना करके अपने सपनों को पूरा करते हैं. ऐसी ही कहानी है केरल के रहने वाले मोहम्मद अली शिहाब की, जिनका जन्म मल्लपुरम जिले के गांव एडवान्नाप्पारा में हुआ. मोहम्मद अली शिहाब बेहद गरीब घर में पैदा हुए थे. उनकी आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा कमजोर थी. इसी वजह से बेहद कम उम्र में ही उन्हें अपने पिता के साथ बांस की टोकरियां बनाकर बेचनी पड़ती थी.
लेकिन 1995 में मोहम्मद अली शिहाब के पिता का निधन हो गया. पिता के निधन के बाद शिहाब के कंधों पर सारी जिम्मेदारी आ गई. उनकी मां पढ़ी-लिखी नहीं थी, इसी वजह से उन्हें काम भी नहीं मिलता था. जब गरीबी की वजह से हालत खराब हुई तो उन्होंने अपने बेटे को अनाथालय में डाल दिया.
अनाथालय में रहते हुए शिहाब की पढ़ाई लिखाई हुई. वह बचपन से ही पढ़ने में तेज थे. 10 साल तक वह अनाथालय में रहे. हायर एजुकेशन के बाद उन्होंने सरकारी एजेंसी की परीक्षाओं की तैयारी की. उन्होंने 21 परीक्षाओं को पास किया और वन विभाग, जेल वार्डन, रेलवे टिकट परीक्षक जैसे पदों पर नौकरी की.
25 साल की उम्र में उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा दी, लेकिन वह असफल हो गए. लेकिन मोहम्मद अली शिहाब कोशिश करते रहे. 2011 में उन्होंने तीसरी बार परीक्षा दी तो वह सफल हो गए. मोहम्मद अली शिहाब ने ऑल इंडिया 226वीं हासिल किया. अब वह आईएएस अधिकारी के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
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