ट्रक ड्राइवर का बेटा 9 वर्ष की उम्र से देखता था भारतीय सेना में जाने का सपना, अब बना लेफ्टिनेंट

अगर कुछ कर दिखाने का जज्बा और जुनून हो तो मुश्किल लक्ष्य भी हासिल किया जा सकता है. ऐसा ही कुछ जिला बिलासपुर के स्वारघाट उपमंडल के आदर्श मौदगिल ने कर दिखाया है. गांव टोबा के रहने वाले आदर्श मौदगिल में पूरे देश में 24 वी रैंक हासिल की और उनका चयन भारतीय आर्मी में लेफ्टिनेंट के पद पर हुआ.

शुरुआत से ही वह भारतीय सेना में जाना चाहते थे. उनके पिता ट्रक ड्राइवर थे. आदर्श 9 साल के थे, तभी से वह कैप्टन विक्रम बत्रा को अपना आदर्श मानते थे. उन्होंने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की. दसवीं पास करने के बाद उन्होंने राजकीय पॉलिटेक्निक सुंदर नगर से डिप्लोमा किया. इसके बाद 1 साल तक नौकरी की और फिर बीटेक की डिग्री हासिल की.

उन्होंने कई नौकरियां की और साथ में वह पढ़ाई भी करते रहे. एमबीए की डिग्री हासिल करने के बाद आखिरकार उनका भारतीय आर्मी में चयन हो गया. 14 सितंबर को उन्हें कॉल लेटर आया और उन्होंने 28 सितंबर से चेन्नई ऑफिसर एकेडमी में शुरू कर दी.

जब आदर्श छोटे थे तो उनके पिता का निधन हो गया था. उनका पालन-पोषण उनकी मां और दादा रामकृष्ण ने किया. उनके भाई और बहन का भी उनकी सफलता में काफी योगदान रहा.

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