ठंड में कमजोरी दूर करने के लिए करे सिंघाड़ा आटे का सेवन, होंगे बहुत से फायदे, जानिए इसे खाने का तरीका

मौसम में हमें फल कई बीमारियों से बचाने का काम करती है वैसे तो ठंड के मौसम में अक्सर लोगों की इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है जो हमारे लिए बहुत नुकसानदेह हो सकता है ऐसे में अपने शरीर की कमजोरी को दूर करने के लिए आपको ऐसे चीजों का सेवन करना जरूरी है जो कि आपको अंदर से मजबूत करें आज हम बात करेंगे सिंघाड़ा आटे की जिसे इंग्लिश में वाटर चेस्टनट भी कहा जाता है यह सितंबर और अक्टूबर के महीने में अधिक पाया जाता है सिंघाड़ा एक जलीय पौधे का फल होता है जो भारत में अत्यधिक पाया जाता है इसकी झील, टंकी, तालाब, नदी आदि में खेती की जाती है यह काले रंग का बाजार में मिलता है इसका आटा भी बाजार में बहुत पाया जाता है इसके आटे का भारतीय पूजा में भी बहुत उपयोग किया जाता है

इसका सेवन से आप शरीर को शक्ति प्रदान कर सकते हैं और साथ ही खून की कमी को दूर करने के लिए यह फायदेमंद माना जाता है गर्भवती महिलाओं को भी यह बहुत से पोषक तत्व प्रदान करने का काम करता है सिंघाड़ा हटा में विटामिन ए, सिट्रिक एसिड, प्रोटीन, निकोटिन, एसिड, विटामिन सी, मैग्नीशियम, कार्बोहाइड्रेट, एनर्जी, डाइटरी फाइबर, कैल्शियम, जिंक, आयरन, पोटेशियम, सोडियम, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं यदि इसका सेवन ठंड में किया जाए तो यह में बहुत सारी बीमारियों से बचाने का काम कर सकता है आइए जानते हैं इसकी कुछ और बातें।

सिंघाड़ा खाने से यह होंगे फायदे
सिंघाड़ा आटा शरीर को ठंडक प्रदान करने का काम करता है ऐसे व्यक्ति जिनको पीलिया की समस्या है उन्हें सिंघाड़ा जरूर खाना चाहिए इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाया जाता है जो कि इम्यूनिटी को भी बढ़ाने में मदद करता है इसके अलावा महिलाओं को यदि यूरिन इन्फेक्शन की समस्या है तो सिंघाड़ा का सेवन फायदेमंद होता है सिंघाड़े के सेवन से आप अपनी लीवर को अच्छा रख सकते हैं।

आयुर्वेद के अनुसार सिंघाड़ा आटा के फायदे एवं इसे इस्तेमाल करने का सही तरीका

•सिंघाड़ा आटा का आयुर्वेद में बहुत महत्व माना जाता है आयुर्वेद के अनुसार सिंघाड़ा आटा गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है इसके अलावा सर्दी खांसी में होने वाले कफ को दूर करने में भी यह कारगर हो सकता है।

•आप सिंघाड़ा आटे का सेवन हलवा के तौर पर कर सकते हैं ज्यादातर उपवास रहने वाली महिलाएं सिंघाड़े आटे का हलवा का सेवन करती हैं यह शरीर की कमजोरी दूर करने में मदद करता है इसके अलावा ऐसे व्यक्ति जो एसिडिटी की समस्या से जूझ रहे हैं उन्हें भी सिंघाड़े आटे का हलवा जरूर खाना चाहिए।

•हर रोज सुबह और शाम 5-5 ग्राम सिंघाड़ा आटे का सेवन करने से शरीर की कमजोरी दूर होगी गर्भवती महिलाओं को रोज सिंघाड़े आटे का सेवन करना चाहिए।

•आप सिंघाड़े आटे का सेवन रोटी के तौर पर भी कर सकते हैं।

• सिंघाड़े आटे में मौजूद आयोडीन गले की खराश व टॉन्सिल को दूर करने में भी मदद करता है इसके लिए आप सिंघाड़ा आटा को पानी में डालकर अच्छी तरह उबाल कर पीएं इससे टॉन्सिल दूर होगा।

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