गुजरात में फाफड़े का नाश्ता बहुत ज्यादा पसंद किया जाता है. अब तो देश के हर हिस्से में यह नाश्ता खाया जाने लगा है. बता दें कि नागपुर की कलावंती दोषी पिछले 40 सालों से अपने परिवार का पेट भरने के लिए ठेले पर फाफड़ा बनाकर बेच रही है. वह 75 साल की उम्र में भी यह काम कर रही है. लोग उनके जज्बे को सलाम करते हैं. उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया तो वह देश भर में मशहूर हो गई.
कलावंती बताती है कि 40 साल पहले मेरे पति ने यह काम शुरू किया था. जब मैंने उन्हें अकेले मेहनत करते देखा तो मैं भी उनके साथ काम करने लगी. मैंने उनसे फाफड़ा बनाना सीख लिया. इस तरह हमारे पूरे परिवार का गुजारा होता था. कलावंती ने फाफड़ा बेच-बेचकर ही अपने बच्चों को पढ़ाया-लिखाया और उनकी शादी भी हो गई.
अब वह अपने सबसे छोटे बेटे भावेश के साथ ठेले पर फाफड़ा भेजती हैं. कलावंती ने बताया कि जब हम गुजरात आए थे तो मेरे पति नमकीन बनाने की दुकान में काम करने लगे. लेकिन उन्हें बहुत कम सैलरी मिलती थी, जिससे घर खर्च भी नहीं चलता था. तो फिर हमने खुद का बिजनेस शुरू करने का निर्णय किया और राममनुज फाफड़ावाला नाम से यह काम शुरू कर दिया.
नागपुर में बहुत कम जगह पर ही फाफड़ा मिलता है जिस वजह से हमारे यहां बहुत लोग आते थे. हम सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक फाफड़ा बेचते थे. लेकिन 11 साल पहले मेरे पति की मौत हो गई. तो मैंने अकेले ही 2 साल तक पूरा काम संभाला. कलावंती ने तीनों बेटियों की शादी भी करवा दी. उनका बड़ा बेटा बाहर काम करता है. कलावंती पिछले 40 साल से एक ही जगह ठेला लगा रही हैं. कलावंती फाफड़ा के अलावा खांडवी और कोकोनट पेटीज़ भी बेचती है.
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