अगर मेहनत और लगन से काम किया जाए तो कुछ भी असंभव नहीं है. कृषि क्षेत्र में भी अपार संभावनाएं हैं. आज हम आपको गुजरात की महिला किसान अंजनाबे गावित के बारे में बता रहे हैं जो आम किसानों से अलग है.
अंजनाबे गावित ने पहले सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की और कई सालों तक सिविल इंजीनियर के पद पर काम किया. इसी दौरान उन्हें एक लेख में मशरूम की खेती के बारे में जानकारी मिली.
फिर क्या था उन्होंने नौकरी छोड़ दी और गांव में मशरूम की खेती करने की सोची. लेकिन उन्हें खेती के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. इस वजह से पहले उन्होंने मशरूम की खेती का कृषि विज्ञान केंद्र से प्रशिक्षण लिया और 2017 में उन्होंने अपना काम शुरू कर दिया. उन्हें खेती किए हुए ज्यादा समय नहीं हुआ है. लेकिन आज वह सफल किसान हैं.
अंजनाबे ने प्रशिक्षण के बाद बांस और हरे शेड का इस्तेमाल कर मशरूम घर बनाया, जिसकी लंबाई 15 फीट, चौड़ाई 10 फीट थी. उन्हें इस काम में कृषि विज्ञान केंद्र की काफी मदद मिली. शुरुआत में अंजनाबे ने केवल ₹11,000 खर्च किए थे. पहली ही बार में उन्होंने इस छोटे से कमरे में 140 किलो मशरूम की खेती कर ली जिसकी कीमत 28 हजार रुपए रही.
अप्रैल 2019 से दिसंबर 2019 के बीच अंजनाबे ने 250 किलो स्पॉन बोया, जिसमें ₹88,350 की लागत आई. इस बार मशरूम 3 लाख 8 हजार 500 रुपए में बिका. अंजनाबे किसानों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं. उन्हें भारत सरकार भी सम्मानित कर चुकी है.
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