पिता की मृत्यु के बाद मां ने भेज दिया अनाथालय, चपरासी बनकर की पढ़ाई, अब बन गए IAS अधिकारी

अगर मेहनत की जाए तो किस्मत बदली जा सकती है. यह कहावत मोहम्मद अली शिहाब ने सच कर दिखाई. उन्होंने कठिन परिस्थितियों से लड़कर सफलता हासिल की और आईएएस अधिकारी बन गए. मोहम्मद अली शिहाब ने यूपीएससी परीक्षा 2011 में 266वीं रैंक हासिल की. हालांकि यहां तक पहुंचने में उन्हें काफी मुश्किलें झेलनी पड़ी. उनकी विधवा मां उनकी पढ़ाई लिखाई का खर्च नहीं उठा पा रही थीं तो उन्होंने उन्हें अनाथालय छोड़ दिया.

मोहम्मद अली शिहाब का जन्म मल्लपुरम जिले के एडवन्नाप्परा गांव में हुआ था. उनके पिता पान और बांस की टोकरी की दुकान में काम करते थे. लेकिन 1991 में उनके पिता का देहांत हो गया. उस समय शिहाब बहुत छोटे थे. उनकी मां इतनी गरीब थीं कि वह अपने 5 बच्चों का खर्च नहीं उठा पा रही थी. इस वजह से उन्होंने शिहाब को अनाथालय में छोड़ दिया. शिहाब और उनके भाई-बहनों को अनाथालय में अपना बचपन गुजारना पड़ा.

शिहाब ने अनाथालय में रहकर पढ़ाई लिखाई की. वह 10 साल तक अनाथालय में रहे. उन्हें हायर एजुकेशन के लिए पैसों की जरूरत थी. तब उन्होंने सरकारी एजेंसी की परीक्षा की तैयारी की. उन्होंने विभिन्न सरकारी पदों के लिए आयोजित होने वाली 21 परीक्षाओं में सफलता हासिल की. इसी वजह से वह वन विभाग, जेल वार्डन और रेलवे टिकट परीक्षक जैसे पदों पर काम किया.

उन्होंने पहली बार 25 साल की उम्र में सिविल सर्विस का एग्जाम दिया. बाद में उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में सफलता हासिल की. हालांकि उनकी अंग्रेजी में पकड़ बेहद खराब थी, जिस वजह से उन्हें इंटरव्यू के दौरान ट्रांसलेटर की जरूरत पड़ी. उन्होंने 300 में से 201 अंक प्राप्त किए. फिलहाल वह नागालैंड के कोहिमा में कार्यरत हैं.

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