भारत देश को आजाद हुए 73 साल हो चुके हैं. लेकिन आज भी हमारे देश की कानून व्यवस्था बहुत ज्यादा मजबूत नहीं है. हर नागरिक को इंसाफ नहीं मिल पा रहा. आज हम आपको आईपीएस अधिकारी सूरज कुमार राय की कहानी बता रहे हैं जिनके पिता का कत्ल हो गया था. लेकिन उन्हें इंसाफ नहीं मिला. इसी वजह से सूरज ने खुद आईपीएस अधिकारी बनने की ठान ली.
बचपन से ही सूरज की साइंस में दिलचस्पी थी और वह इंजीनियर बनना चाहते थे. 12वीं की पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्होंने इलाहाबाद के मोतीलाल नेहरू इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लिया. लेकिन शायद उनकी किस्मत में कुछ और ही लिखा था.
इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन लेने के लगभग एक महीने बाद उनके पिताजी की हत्या कर दी गई. इस घटना के बाद उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल गई. इस घटना के 2 साल बाद भी सूरज अपने पिता को इंसाफ नहीं दिला पाए. वह पुलिस स्टेशन के चक्कर काटते रहते. लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिली. तब उन्होंने खुद ही आईपीएस बनने की ठान ली.
उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. सूरज यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली चले गए. हालांकि पहले प्रयास में वह प्री में भी फेल हो गए थे. लेकिन दूसरे चरण में उन्होंने प्री परीक्षा पास कर ली. पर वह मैन्स में फेल हो गए. फिर भी उन्होंने अपनी उम्मीद नहीं छोड़ी और मेहनत करते रहे. आखिरकार 2017 में सूरज ने यूपीएससी परीक्षा में 117वीं रैंक हासिल की और उनका आईपीएस अधिकारी के पद पर चयन हो गया.
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