प्रेगनेंसी में बेड रेस्ट होने पर भी दी UPSC परीक्षा, जानिए कैसे गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. प्रज्ञा बनी IPS अधिकारी

अगर सफलता पानी है तो कठिन परिश्रम तो करना ही पड़ेगा. इस कहावत को उत्तर प्रदेश की डॉ. प्रज्ञा जैन ने सच कर दिखाया. प्रेगनेंसी के दौरान डिलीवरी से कुछ समय पहले तक वह बेड रेस्ट पर थीं. इसी दौरान उन्होंने यूपीएससी परीक्षा भी दी थी और वह 194वीं रैंक हासिल कर आईपीएस अधिकारी बनीं. डॉक्टर प्रज्ञा उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के छोटे से कस्बे बड़ौत की रहने वाली हैं. उनके पिता भी एक आयुर्वेदिक डॉक्टर है.

प्रज्ञा के माता-पिता पढ़े-लिखे थे तो उन्होंने अपनी बेटी को भी पढ़ाया. प्रज्ञा ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में जिला स्तर पर फर्स्ट रैंक हासिल की थी. प्रज्ञा दूसरों की मदद करना चाहती थी. इसीलिए उन्होंने डॉक्टर बनने का निर्णय किया. ग्रेजुएशन में उन्हें गोल्ड मेडल मिला था. प्रज्ञा मेहनत करके डॉक्टर बन गई. इसके बाद प्रज्ञा की शादी हो गई.

शादी के बाद प्रज्ञा ने क्लीनिक खोल लिया और वह लोगों की मदद करने लगी. हालांकि इसी दौरान उन्हें यूपीएससी परीक्षा देने का ख्याल आया और उन्होंने तैयारी भी शुरू कर दी. प्रज्ञा ने पहली बार 2014 में यूपीएससी परीक्षा दी थी. लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. वह दो नंबर से रह गई थीं. लेकिन अगले साल उन्होंने 2015 में फिर परीक्षा दी और वह पास नहीं हो पाई, क्योंकि बीमार थीं.

प्रज्ञा के पास एक और अवसर था. प्रयास करने का यह उनका आखिरी अवसर था. हालांकि इसी दौरान वह प्रेग्नेंट हो गई और डॉक्टर ने उनको बेड रेस्ट करने को कहा. डिलीवरी के लिए भी कुछ समय ही बचा थ और उन्हें यूपीएससी परीक्षा भी देनी थी.

प्रज्ञा प्रेगनेंसी के दौरान ही यूपीएससी परीक्षा दी और उन्होंने इंटरव्यू भी दिया. इंटरव्यू के दौरान प्रज्ञा ने बोर्ड के सदस्यों से पहले उनका इंटरव्यू लेने के लिए रिक्वेस्ट की थी. बोर्ड के मेंबर्स ने उनकी स्थिति को देखते हुए उनका इंटरव्यू पहले ले लिया. प्रज्ञा ने कुछ समय बाद बेटी पीहू को जन्म दिया. जब यूपीएससी परीक्षा का परिणाम आया तो उनका आईपीएस के पद पर चयन हो गया.

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