बिना आंखों के जिंदगी की हम कल्पना भी नहीं कर सकते. लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो किसी भी बाधा को पार कर सफलता हासिल कर लेते हैं. उनके सामने चाहे कितनी भी समस्याएं आए, उनका ध्यान लक्ष्य से नहीं हटता. ऐसी ही कहानी है ललित की जिन्हें देखने की समस्या है.
लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और पीएच श्रेणी में 2018 में यूपीएससी की परीक्षा पास की और 2019 बैच के आईएएस अधिकारी बन गए. ललित अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देते हैं. ललित को दिखाई नहीं देता. फिर भी उनके माता-पिता ने हर कदम पर उनका साथ दिया. ललित जब जन्मे थे तब उनको कोई समस्या नहीं थी.
लेकिन जब वह पहली कक्षा में आए तो उनको आंखों से नहीं दिखाई देता था. स्थिति ऐसी हो गई थी कि वह अपनी परीक्षा के पेपर भी नहीं लिख पाते थे. यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में भी ललित को बहुत सारी दिक्कतें आई. उन्हें स्टडी मटेरियल नहीं मिलता था. किसी तरह से उन्होंने ऑडियोबुक्स अरेंज की है.
उनकी मां ने इस मुश्किल परिस्थिति में उनकी बहुत मदद की. ललित की मां ने उनकी जिंदगी में एक गुरु की भी भूमिका निभाई. ललित ने यह साबित कर दिखाया कि अगर नियत साफ है तो कितनी भी मुश्किलं आएं, अपनी मंजिल को हासिल किया जा सकता है.
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