समाज में आज भी बहुत से लोग बेटियों को बोझ समझते हैं और उन्हें पढ़ाते नहीं .है आज भी बेटे और बेटियों में फर्क किया जाता है. लेकिन गुजरात के सूरत की रहने वाली मैत्री पटेल ने कुछ ऐसा किया, जिससे उन्होंने साबित कर दिया कि अगर बेटियों को मौका दिया जाए तो वह भी मां-बाप का नाम रोशन कर सकती है
मैत्री ने अपने माता-पिता के उम्मीदों को टूटने नहीं दिया और अपने माता-पिता का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया. मैत्री को पढ़ाने के लिए उनके पिता ने काफी मुश्किलों का सामना किया. बेटी की पढ़ाई के खर्चे के लिए उन्होंने बैंक से लोन लेने के लिए कई चक्कर काटे. लेकिन उन्हें जब लोन नहीं मिला तो उन्होंने अपने खेत बेच दिए.
किसी भी किसान के लिए खेत बेचना बहुत ही दुख की बात होती है. लेकिन अपनी बेटी के लिए एक किसान पिता ने ऐसा किया. बेटी ने भी अपने पिता की उम्मीदों पर पानी फिरने नहीं दिया और पायलट बन कर अपने पिता का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया. मैत्री ने 8 साल की उम्र में ही पायलट बनने का सपना देख लिया था और उन्होंने 19 की उम्र में अपना सपना पूरा कर लिया.
मैत्री देश की सबसे कम उम्र की पायलट बन गई है. 12वीं की पढ़ाई के बाद मैत्री अमेरिका चली गई, जहां उन्होंने 11 महीने की ट्रेनिंग की और कमर्शियल पायलट का लाइसेंस प्राप्त कर लिया. वैसे इस ट्रेनिंग को पूरा होने में 18 महीने लग जाते हैं. मैत्री अब कैप्टन बनना चाहती हैं. भारत में विमान उड़ाने के लिए मैत्री को यहां के नियमों के हिसाब से लाइसेंस लेना पड़ेगा.
Leave a Reply