हिंदू सनातन धर्म में पंचांग का विशेष महत्व है हिंदू पंचांग के अनुसार धार्मिक महत्व से जुड़ी जितनी भी तिथियां होती हैं सभी में कुछ ना कुछ नियम और कायदे कानून होते हैं। जिनका पालन करना बहुत जरूरी होता है जो लोग धर्म में आस्था रखते हैं वह व्यक्ति के लिए इन बातों की जानकारी होना बहुत आवश्यक है। कुछ ऐसी तिथियां हिंदू पंचांग में मौजूद है जैसे की अमावस्या, पूर्णिमा, द्वादशी, त्रयोदशी, एकादशी यह तिथियां बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है और इन तिथियों में कुछ कुछ कार्य करने के लिए मना किया गया है तो कुछ-कुछ काम करना गलत बताया गया है। ऐसे में आज हम बात करेंगे अमावस्या तिथि के बारे में अमावस्या की तिथि मुख्य रूप से पितरों को समर्पित मानी जाती है और इस दिन पितरों को खुश करने के लिए तमाम तरह के उपायों को अपनाया जाता है, इस वजह से इस तिथि में कुछ कार्यों को वर्जित बताया गया है अर्थात इस तिथि के दिन कुछ चीजों को करने से आपको मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए इस बात की जानकारी होना आपको अत्यंत आवश्यक है ऐसे में हम हमेशा ही कुछ ना कुछ चीजें अपने घर पर खरीद कर लाते जाते हैं लेकिन आपको बता दें कि अमावस्या तिथि के दिन कुछ चीजों को घर पर लाना अच्छा नहीं माना जाता है। इन चीजों को घर में लाने से इसके साथ-साथ आपके घर में मुसीबतें भी आ जाएंगी और आपको आए दिन किसी न किसी मुसीबत और परेशानी का सामना करना पड़ेगा इसलिए आपको इन चीजो के बारे में जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है।
अमावस्या के दिन भूलकर भी ना लाए इन चीजों को
भूलकर भी झाड़ू ना खरीदे
हिंदू शास्त्रों में झाड़ू को पूजनीय बताया गया है इसलिए अमावस्या के दिन इसे लाने से मना किया जाता है इसके पीछे कारण है कि अमावस्या का दिन पितरों को समर्पित किया गया है। इस दिन स्वामी शनि महाराज को भी माना जाता है इसलिए अवश्य तिथि को झाड़ू घर लाने से लक्ष्मी नाराज हो जाती है अगर नकारात्मक ऊर्जा बनने लग जाती है और अत्यधिक खर्च होने लगता है इसलिए भूल कर भी स्थिति को झाड़ू ना खरीदें।
गेहूं का आटा खरीदने से बचें
गेहूं का आटा या फिर किसी भी प्रकार के अनाज को अमावस्या तिथि के दिन खरीदकर नहीं लाना चाहिए। विशेषकर अमावस्या के दिन भूल कर यह कार्य नही करना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि आटा और गेहूं खरीदने से पितरों के निमित्त मानी जाती है।
शुभ और मांगलिक कार्यों के लिए पूजा सामग्री ना लाएं
अमावस्या तिथि के दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध कार्य किया जाता है इसलिए यह दिन मांगलिक और शुभ कार्य करने के लिए अच्छा नहीं माना जाता है इसलिए यदि आप शुभ कार्य मांग ली क्या पूजा पाठ कक्षा कार्य के लिए पूजन सामग्री करना चाहते हैं तो भूलकर भी इस दिन ना खरीदें।
भूलकर भी मांस मंदिरा ना लाये और ना ही सेवन करें
अमावस्या और पूर्णिमा पित्र और देव कार्य के लिए मान्य है। ऐसे में इन दिनों में मांस मदिरा का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। इस दिन यदि आप मांस मदिरा का सेवन करते हैं शनि के अशुभ प्रभाव से आप को भुगतना पड़ेगा।
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