हर माता-पिता यही सपना देखते हैं कि उनका बच्चा खूब पढ़ाई-लिखाई करे और बड़ा होकर बड़ा आदमी बने. आज हम आपको आज हम आपको उदयपुर के रहने वाले भावेश लोहार की कहानी बता रहे हैं, जो फोर्ड मोटर कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम कर रहे हैं. भावेश ने लिंक्डन पर अपनी सक्सेस स्टोरी शेयर की जो खूब वायरल हो रही है.
भावेश ने बताया कि स्ट्रगल के दिनों में वह नंगे पैर स्कूल जाया करते थे. उन्होंने सरकारी स्कूल से पढ़ाई की. वह अपने दोस्तों के साथ फ्यूचर की कारों के बारे में डिस्कस करते थे और कहते थे कि एक दिन बड़ा आदमी बनने पर वो यह कार खरीदेंगे. उन दिनों मुझे फोर्ड फिगो से बहुत प्यार था. वह लोकल न्यूज़ पेपर में मैंने देखी थी और पैसा आने पर मैं उसे खरीदना चाहता था.
भावेश ने नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी भोपाल से पढ़ाई की. लेकिन कोरोना महामारी की वजह से उन्हें हॉस्टल छोड़कर घर आना पड़ा, जहां वह अपने परिवार के साथ अन्य सदस्यों के साथ एक छोटे से कमरे में रहते थे. हालांकि उन्हें इस कमरे में पढ़ाई करने में बहुत मुश्किल हुई. लेकिन उन्होंने कड़ी मेहनत की और उन्होंने इसी कमरे से इंटरव्यू दिया और उनका फोर्ड में चयन हो गया.
भावेश अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां को देते हैं. भावेश ने बताया कि उनकी मां दूसरों के घर में काम करती थीं. उनके पिता ₹7000 तक कमाते थे. हालांकि इससे परिवार के सदस्यों का खर्चा नहीं चलता था, जिस वजह से सबको नौकरी करनी पड़ी.
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