मां अपने बच्चों के लिए जो कर सकती है वह दुनिया में कोई भी व्यक्ति नहीं कर सकता. आज हम आपको एक ऐसी मां की संघर्ष की कहानी बता रहे हैं, जिसने अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए रात-रात भर कपड़े सिले ताकि वह उनकी स्कूल की फीस भर सके. अब उस मां के दोनों बेटे आईएएस अधिकारी बन गए हैं.
हम बात कर रहे हैं राजस्थान के झुंझुनू के रहने वाले सुभाष कुमावत की, जो पेशे से दर्जी हैं. वह लोगों के कपड़े सिलते हैं. सुभाष की पत्नी राजेश्वरी देवी कपड़ों की तुरपाई करती हैं. उनके दोनों बेटे पंकज और अमित बचपन से ही पढ़ाई में होशियार थे. अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए राजेश्वरी देवी रात भर जाकर तुरपाई करती थी. उनके पति सिलाई का काम करते थे.
उनके माता-पिता अपने बच्चों को पढ़ा-लिखाना चाहते थे. पंकज और अमित ने बताया कि यह हम जानते हैं कि हमारे माता-पिता के लिए हमें पढ़ाना कितना मुश्किल था. फीस भरना, किताबों और बाकी चीजों का इंतजाम करना कितना मुश्किल होता था. मां रात भर जाग कर कपड़ों की तुरपाई करती थी. पिता ओवरटाइम करते थे.
पंकज और अमित ने 2018 में एक साथ यूपीएससी की परीक्षा पास की. पंकज ने 443वीं रैंक प्राप्त की थी. जबकि अमित ने 600वीं अंक हासिल की थी. दोनों भाई अपनी सफलता के लिए अपने माता-पिता को क्रेडिट देते हैं.
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