अगर कोई परीक्षार्थी एक बार परीक्षा में फेल हो जाए तो वह उम्मीद ही छोड़ देता है. लेकिन तमिलनाडु के वेल्लोर जिले के विनवमंगलम गाँव के रहने वाले जयगणेश ने हिम्मत नहीं हारी. उन्हें 6 बार असफलता मिली, तब जाकर सातवीं बार में वह सफल हुए और आईएएस अधिकारी बन गए.
जयगणेश ने 6 बार असफल होने के बाद भी उम्मीद नहीं खोई थी. उन्होंने सातवीं बार परीक्षा दी, यह उनका आखिरी मौका था. इस बार उन्होंने 156वीं रैंक हासिल की. जय गणेश के पिता एक लेदर फैक्ट्री में काम करते थे. जय गणेश की आठवीं तक की पढ़ाई गांव में हुई, जिसके बाद वह शहर चले गए.
बचपन से ही वह पढ़ाई में बहुत होशियार थे. दसवीं की पढ़ाई के बाद उन्होंने पॉलिटेक्निक कॉलेज ज्वाइन कर लिया. बाद में उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. 2000 में उन्होंने इंजीनियरिंग पूरी कर ली और वह नौकरी की तलाश में बेंगलुरु गए. उन्हें नौकरी भी मिल गई. लेकिन उनको मन में अपने गांव के लोगों की दयनीय स्थिति को सोच कर बहुत बुरा लगता था. इसी वजह से उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और आईएएस अधिकारी बनने की ठान ली.
इसके बाद वह यूपीएससी परीक्षा की तैयारी में जुट गए. लेकिन उन्हें पांच बार परीक्षा में असफलता मिली. इसके बाद छटवीं बार में उन्होंने मुख्य परीक्षा पास कर ली. लेकिन वह इंटरव्यू में फेल हो गए. हालांकि सातवीं बार में उन्होंने 156वीं रैंक हासिल की और आखिरकार आईएएस अधिकारी बन गए.
Leave a Reply