यह कहानी है 14 साल की दीक्षा की जो महाराष्ट्र के औरंगाबाद की रहने वाली हैं. दीक्षा ने ना केवल अपने परिवार का नाम बल्कि देश का नाम दुनिया में रोशन किया है. उनको नासा ने फेलोशिप के लिए सिलेक्ट कर लिया है. उन्हें नासा के एमएसआई फैलोशिफ वर्चुअल पैनल पर पैनलिस्ट के रूप में चुना गया है.
दीक्षा ने बताया कि मैंने ब्लैक होल और गॉड पर एक थ्योरी लिखी थी जिसे बहुत पसंद किया गया. मुझे इसी आधार पर यह फेलोशिप मिली है. उनकी यह थ्योरी लोगों को बहुत ज्यादा पसंद आई. नासा के लिए दीक्षा ने तीन प्रयास किए थे और उनके एप्लीकेशन को आखिरकार स्वीकार कर लिया गया.
नासा ने उन्हें उनकी वेबसाइट पर आर्टिकल लिखने के लिए कहा था. दीक्षा ने बहुत ही बेहतर तरीके से आर्टिकल लिखा, जिसकी प्रशंसा सबने की. दीक्षा के पिता एक स्कूल में प्रिंसिपल है और उनका नाम कृष्णा शिंदे है. जबकि उनकी मां रंजना शिंदे बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती हैं.
दीक्षा अक्टूबर 2021 में एक सम्मेलन में भी शामिल होगी, जिसका सारा खर्चा नासा द्वारा ही उठाया जाएगा. दीक्षा ने बेहद छोटी-सी उम्र में वह कमाल किया है जो दुनिया के बड़े-बड़े शख्स नहीं कर पाते हैं. ऐसी बेटी पर भारत देश के हर नागरिक को गर्व है.
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