देश के युवाओं में यूपीएससी को लेकर अलग ही जुनून देखने को मिलता है. लेकिन असफलता मिलने से बहुत से कैंडिडेट्स निराश हो जाते हैं और अपना सपना ही छोड़ देते हैं. लेकिन आज हम आपको आईपीएस अधिकारी संदीप चौधरी की कहानी बता रहे हैं, जिनके लिए इस मुकाम तक पहुंचना अंगारों पर चलने जैसा रहा.
एक इंटरव्यू में संदीप ने बताया था कि दसवीं में अच्छे अंक लाने के बाद मैं मेडिकल फील्ड में गाया. मेरी इसमें कोई रुचि नहीं थी. लेकिन परिवार के दबाव के चलते मुझे ऐसा करना पड़ा. मेरे लिए 11वीं और 12वीं में पढ़ाई करना मुश्किल हो गया. फिजिक्स के पेपर में तो मैंने यह लिख दिया था कि प्लीज मुझे पास कर देना.
संदीप ने इंटरव्यू में बताया था कि जब मेरे 12वीं के एग्जाम थे तो उससे 6 दिन पहले ही मेरे पिता की मृत्यु हो गई. उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया था. फिर भी मैंने हार नहीं मानी और मेहनत करता रहा. मैं रेगुलर पढ़ाई नहीं कर सकता था तो मैंने IGNOU में एडमिशन ले लिया. मैं बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगा.
संदीप को पहली जॉब पोस्ट ऑफिस में मिली थी. संदीप ने फिर बैंक का एग्जाम दिया. इसमें भी वह सफल हो गए. इसके बाद उन्होंने बीएसएफ ज्वाइन कर ली. लेकिन जब उनके रूममेट ने यूपीएससी परीक्षा पास कीी तो उनके मन में भी यूपीएससी परीक्षा देने का खयाल आया. फिर संदीप ने तैयारी शुरू कर दी और पहले ही प्रयास में सफल हो गए. संदीप जम्मू एंड कश्मीर कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं और फिलहाल श्रीनगर के SSP हैं.
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