राजस्थान के आईपीएस अधिकारी दिनेश एमएन की यह कहानी बिल्कुल फिल्मों जैसी है. दिनेश एमएन के साथ कुछ ऐसा हुआ जिसकी वजह से 7 साल तक उन्हें जेल में रहना पड़ा. लेकिन जैसे ही वह जेल से बाहर निकले, उन्होंने राजस्थान के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कमान संभाल ली और कई घूसखोर अधिकारियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया.
दिनेश 1995 बैच के राजस्थान कैडर के आईपीएस ऑफिसर है. वह फिलहाल राजस्थान एसीबी में एडीजी के पद पर कार्यरत हैं. दिनेश जब 2005 में उदयपुर में एसपी के पद पर कार्यरत थे तो राजस्थान और गुजरात पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में हिस्ट्रीशीटर सोहराबुद्दीन शेख का एनकाउंटर किया गया था. इसी मामले में दिनेश को 7 साल जेल में रहना पड़ा.
लेकिन 2014 में उन्हें निर्दोष पाया गया और उनको जेल से रिहा कर दिया गया. कुछ दिन बाद उन्हें राजस्थान एसीबी में आईजी का पद मिल गया. एसीबी में रहते हुए दिनेश एमएन ने खान विभाग के सचिव आईएएस ऑफिसर अशोक सिंघवी को ढाई करोड़ रुपए की घूस लेने के मामले में गिरफ्तार किया था.
2016 में दिनेश एमएन को राजस्थान एसओजी में आईजी बना दिया गया. आईजी के पद पर रहते हुए दिनेश ने कई बड़े गैंगस्टर्स का सफाया किया. 6 महीनों में दिनेश ने एक आईएएस और एक आईपीएस, 7 RAS और 3 RPS अधिकारियों को घूस लेने के मामले में जेल पहुंचा दिया. इनमें से कलेक्टर, एसपी और कई आईआरएस अधिकारी आज भी सलाखों के पीछे हैं.
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