
उत्तर प्रदेश के आगरा से एक शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. बेटे-बहू ने अपनी बुजुर्ग दिव्यांग मां को जंगल में छोड़ दिया. मंगलवार शाम को रामलाल वृद्ध आश्रम के कार्यकर्ताओं को एक बुजुर्ग महिला जंगल में मिली, जिन्हें खाना खिलाया गया. जब महिला से पूछा गया कि वे जंगल में कैसे आईं तो उन्होंने अपनी दर्द भरी दास्ता सुनाई.
बुजुर्ग महिला ने बताया कि उन्होंने अपने पति से लड़कर अपने दोनों बेटों को काबिल बनाया. बेटों के लिए वह भूखी रही. फटे कपड़े पहने. लेकिन उनके छोटे बेटे ने पत्नी के साथ मिलकर दवा दिलाने के बहाने मुझे जंगल में लाकर छोड़ दिया. रामलाल वृद्ध आश्रम के कार्यकर्ता बुजुर्ग महिला को आश्रम ले गए और उनके रहने खाने की व्यवस्था की.
महिला का नाम महादेवी है और वह राजा मंडी क्षेत्र की निवासी है. उनके पति की कुछ साल पहले ही मृत्यु हो गई थी. उनका एक बेटा दिल्ली में है और दूसरा बेटा जितेंद्र आगरा में प्राइवेट नौकरी करता है. जितेंद्र की पत्नी का कहना है कि उनके पति प्राइवेट नौकरी करते हैं, जिससे घर का खर्च भी नहीं चलता है. महंगाई बहुत ज्यादा है. वह अपनी सास के खाने-पीने और दवा का खर्च नहीं उठा सकते.
उनका बड़ा बेटा पहले ही सारी जिम्मेदारियों से अपना पल्ला झाड़ चुका है. अब बुजुर्ग महिला घर नहीं जाना चाहती. उनके बेटे बहू भी उन्हें घर नहीं ले जाना चाहते हैं. ऐसे में अब वह रामलाल वृद्ध आश्रम की नई सदस्य बन गई है.