यह कहानी है अधिकारी सीरत फातिमा की, जो एक प्राइमरी स्कूल टीचर से इस मुकाम तक पहुंची है. सीरत फातिमा ने 2017 में यूपीएससी परीक्षा में 810वीं रैंक हासिल की और वह ऊंचे मुकाम पर पहुंच गई. हालांकि उनके लिए यह सफर बिल्कुल भी आसान नहीं रहा. फातिमा ट्रैफिक सर्विस में पदस्थ है. बचपन से ही वह पढ़ाई में तेज थी. जब वह 4 साल की थी तभी से उनके पिता अब्दुल गनी सिद्दीकी उन्हें बड़ा अधिकारी बनाना चाहते थे.
जब फातिमा का आईएएस अधिकारी के पद पर चयन हो गया तो उनके पिता बहुत ज्यादा खुश हुए थे. फातिमा के पिता अब्दुल गनी सिद्दीकी पेशे से अकाउंटेंट है. फातिमा ने 12वीं की पढ़ाई मुश्किल परिस्थितियों में पूरी की थी. उनके पिता की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. 12वीं के बाद फातिमा ने बीएससी और B.Ed की डिग्री हासिल की.
घर की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से उन्होंने प्राइमरी स्कूल टीचर के रूप में काम करना शुरू किया. लेकिन उन्हें स्कूल पढ़ाने जाने के लिए बहुत मुश्किल होती थी. स्कूल घर से 30 किलोमीटर दूर था. फातिमा हर रोज बसते जाती थीं. लेकिन 8 किलोमीटर उन्हें पैदल भी चलना पड़ता था. फिर भी फातिमा ने हार नहीं मानी.
फातिमा यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करती रही. शुरुआती 3 प्रयासों में उन्हें नाकामयाबी हाथ लगी. लेकिन उन्होंने अपनी हिम्मत नहीं टूटने दी. फातिमा के घर वाले उनकी शादी को लेकर दबाव बनाने लगे. घरवालों की वजह से फातिमा ने शादी भी कर ली. लेकिन फिर भी उन्होंने हौसला नहीं छोड़ा और मेहनत करती रही. उनकी मेहनत का ही नतीजा है जो आज फातिमा आईएएस अधिकारी हैं.
Leave a Reply