आज हम आपको आईएएस ऑफिसर नवजीवन पवार के बारे में बता रहे हैं जिनकी संघर्ष की कहानी बहुत प्रेरणादायक है. नवजीवन पवार ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली थी. एक समय ज्योतिषी ने उनसे कहा था कि उनकी किस्मत में सरकारी नौकरी नहीं है. लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर ज्योतिषी की भविष्यवाणी को गलत साबित कर दिया.
अपने सपने को पूरा करने में नवजीवन को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. एक बार उनकी तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई जिस वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा. लेकिन फिर भी वह लगातार तैयारी करते रहे. वह दवाई खाकर पढ़ाई करते रहे. नवजीवन बचपन से ही पढ़ाई में बहुत अच्छे थे. उनके परिवार वालों ने उन्हें यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली भेजने का फैसला किया.
एक दिन कोचिंग के दौरान उनकी तबीयत खराब हो गई जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां पता चला कि उन्हें डेंगू हो गया है. उनके परिवार वालों ने उन्हें अपने पास बुला लिया और उन्हें अस्पताल में भर्ती करा दिया. जब नवजीवन को डेंगू हुआ था, तब वह यूपीएससी प्री परीक्षा पास कर चुके थे और मेन्स की परीक्षा में एक महीना ही बाकी था.
ऐसे में उन्होंने आईसीयू में ही पढ़ाई करना जारी रखा. उनकी यह लगन देखकर डॉक्टर भी हैरान थे. अस्पताल से घर आने के बाद उन्होंने जी-जान से पढ़ाई की और पहले ही प्रयास में सफल हो गए. नवजीवन का कहना है कि इस सफर में आपके सामने कई चुनौतियां आएंगी. कई लोग आपको डिमोटिवेट करेंगे. लेकिन उन पर ध्यान मत दीजिए. अपने लक्ष्य पर फोकस रखें.
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