गरीबी से लड़कर चाय वाले का बेटा कैसे बना IAS अधिकारी, हिंदी मीडियम से UPSC में किया टॉप

UPSC की परीक्षा देश की सबसे मुश्किल परीक्षा मानी जाती है. इस परीक्षा में पास होना बहुत ही मुश्किल होता है. आज हम आपको 2018 बैच के आईएएस अधिकारी देशलदान रतनू की कहानी बता रहे हैं जिन्होंने हिंदी मीडियम से पढ़ाई की और यूपीएससी की परीक्षा में टॉप किया.

देशलदान मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखते थे. ऐसे में उनको पढ़ाई के लिए पर्याप्त साधन नहीं मिले. हालांकि उन्होंने पहले ही प्रयास में 82वीं रैंक प्राप्त की और आईएएस अधिकारी बन गए.

देशलदान के पिता कुशलदान चाय की दुकान चलाते हैं. उनकी मां हाउसवाइफ है. उनके घर में सात भाई-बहन हैं. ऐसे में उनके भाई बहन पढ़ाई नहीं कर सके. केवल देशलदान और उनके एक भाई ही स्कूल जा सके.

दसवीं की परीक्षा देशलदान ने हिंदी मीडियम सरकारी स्कूल से पास की, जिसके बाद उन्होंने आईआईटी जबलपुर में दाखिला लिया. उनके पिता चाहते थे कि वह भी टी स्टॉल पर काम करें. लेकिन देशलदान अधिकारी बनना चाहते थे.

देशलदान के बड़े भाई इंडियन नेवी में थे. हालांकि ड्यूटी के दौरान उनके बड़े भाई की डेथ हो गई, जिस वजह से वह काफी दुखी हुए थे. लेकिन उन्हें अपने भाई की वह बात याद थी जिसकी बदौलत उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करते रहे. 2017 में यूपीएससी की परीक्षा में देशलदान ने 82वीं रैंक प्राप्त की. जब उनका रिजल्ट आया तो उनके पिता बहुत भावुक हो गए थे. आज वह आईएएस के पद पर तैनात हैं.

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