आंध्र प्रदेश के गोपाल कृष्ण रोनांकी स्कूल टीचर थे. उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी. लेकिन उन्होंने अपनी स्थिति में सुधार लाने के लिए यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देने की सोची. इसके लिए उन्हें कड़ा संघर्ष करना पड़ा.
जब उन्होंने परीक्षा पास की थी तो उन्हें कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग की तरफ से दिल्ली में 20 टॉपर्स के लिए रखे गए सम्मान समारोह में आने का निमंत्रण मिला था. लेकिन उस समय उनके पास हवाई यात्रा के पैसे नहीं थे, जिस वजह से उन्होंने किसी से पैसा उधार लिया.
गोपाल कृष्ण रोनांकी आंध्र प्रदेश के एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं. उनके माता-पिता गांव में खेती करते थे. लेकिन दलित परिवार के विवाह में शामिल होने की वजह से उनके माता-पिता को समाज से बहिष्कृत कर दिया गया था, जिससे उनके जीवन में आर्थिक और मानसिक रूप से काफी परेशानियां आईं.12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद गोपाल ने एक शिक्षण प्रशिक्षण पाठ्यक्रम किया और उन्होंने सरकारी स्कूल में शिक्षक के रूप में काम करना शुरू कर दिया.
उन्होंने शिक्षक के रूप में काम करते हुए अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. 2015 में पहले प्रयास में वह यूपीएससी प्रीलिम्स पास नहीं कर पाए. लेकिन वह लगातार तैयारी करते रहे. उन्हें कई बार असफलता हाथ लगी. लेकिन उन्होंने अपनी उम्मीद नहीं छोड़ी और लगातार कोशिशों में जुटे रहे. आज वह अपनी मेहनत और लगन के दम पर ही एक सफल आईएएस ऑफिसर बन पाए.
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