आज हम आपको पंजाब के लांडा गांल के गोबिंदर सिंह रंधावा के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने मधुमक्खी पालन का व्यापार शुरू किया. हालांकि एक समय उन्हें अपने बिजनेस चलाने के लिए गहने तक बेचने पड़े थे. लेकिन आज वह करोड़ों में कमा रहे हैं. गोबिंदर सिंह अपने गांव के सरदार बलदेव सिंह और सरदार जगजीत सिंह से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने मधुमक्खी पालन के लिए पंजाब यूनिवर्सिटी से 1 सप्ताह की ट्रेनिंग ली.
उन्होंने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर यह व्यवसाय शुरू किया. उन्होंने शुरुआत में 120 हनी बॉक्स और अन्य उपकरण खरीदने के लिए ढाई लाख का लोन लिया. लेकिन उनके दोस्तों ने जब उनसे किनारा कर लिया तो वह बिल्कुल अकेले हो गए. उन्हें काफी मुश्किलें हुईं. यहां तक कि उन्हें अपने परिवार के गहने तक बेचने पड़े.
2004 तो उनके लिए बहुत बुरा रहा था, क्योंकि उस समय पंजाब में मधुमक्खियों के बीच एक वरोआ माइट संक्रमण फैल गया जिससे उनकी 99 फ़ीसदी मधुमक्खियां मर गई. कुछ मधुमक्खियां ही बची थीं.
लेकिन फिर भी गोबिंदर सिंह ने हार नहीं मानी. 2009 में उन्हें शहद के एक्सपोर्ट और इंपोर्ट का लाइसेंस प्राप्त हुआ. धीरे-धीरे उनका बिजनेस चलने लगा. उन्हें अमेरिका से शहद के अधिक से अधिक ऑर्डर आने लगे. 2012-13 में उन्होंने शहद एक्सपोर्ट करना शुरू कर दिया. उनकी कमाई भी अच्छी होने लगी और बिजनेस भी बढ़ने लगा. अब वह हर साल इस बिजनेस से 4 से 5 करोड़ की कमाई कर लेते हैं.
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