विजय कुमार चौहान ने 30 साल पहले सेना में भर्ती की तैयारी कर ली थी. उनका चयन भी हो गया था. लेकिन जब वह आर्मी जॉइन करने जाने वाले थे तो उनके पिता ने उन्हें घर की जिम्मेदारी का हवाला देकर रोक दिया. विजय अपने पिता की बात नहीं टाल सके और उनकी यह इच्छा अधूरी रह गई. लेकिन अब उनके बेटे सौरभ ने उनके सपने को साकार किया है.
सौरभ ने पहले इंजीनियरिंग का करियर चुना. उनके पिता ने उन्हें नहीं रोका. सौरभ को एक मल्टीनेशनल कंपनी में अच्छे पैकेज पर जॉब भी मिल गई और वह नौकरी करने लगे. लेकिन ज उन्हें पता चला कि उनके पिता का सपना आर्मी में जाने का था तो उन्होंने अपनी राह बदल ली. उन्होंने नौकरी छोड़ दी और वह सेना की तैयारी करने लगे.
विजय चौहान ने भी अपने बेटे को तैयारी करवाने के लिए दिन रात एक कर दिए. जब सौरभ का चयन सेना में हुआ तो उनके पिता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. फिलहाल लेफ्टिनेंट सौरभ चेन्नई में ट्रेनिंग कर रहे हैं. उनके पिता मिल में मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं.
विजय ने अपने बेटे को आर्मी में ज्वाइन कराने के लिए सारी तैयारी घर पर ही कराई. सौरभ बचपन से ही काफी होशियार थे. सौरभ ने पाली के सेंट पॉल स्कूल से पढ़ाई की. वह यहां हैंड बॉय भी बने. उन्होंने जयपुर से बीटेक किया.
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