अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो मुश्किल से मुश्किल मंजिल भी प्राप्त की जा सकती है. आज हम आपको धवन सार्थक शशिकांत की कहानी बता रहे हैं जिनका जन्म मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ. उनके पिता शशिकांत ऑटो चालक हैं. लेकिन आज वह सेना में अधिकारी बन गए हैं. धवन सार्थक के पिता ऑटो रिक्शा चलाते है.
4 साल पहले उनकी मां की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. लेकिन इसके बावजूद धवन ने अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित किया. उनके पिता ने भी उनका पूरा समर्थन किया. धवन की कड़ी मेहनत का ही नतीजा है, जो उनका चयन एनडीए में हो गया जिसके बाद उनके परिवार में खुशियां लौट आई.
एनडीए में चयन के पश्चात 423 कैडेट्स में पास आउट होने के साथ हीं धवन सार्थक एक सेना अधिकारी बन गए हैं. धवन अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार को देते हैं. उनका कहना है कि मेरी मेहनत के पीछे मेरे परिवार की मेहनत और उनका संघर्ष मुझे हमेशा प्रेरित करता है. मैं आज एक अधिकारी के रूप में चयनित होकर उन सभी की उम्मीदों पर खरा उतरा हूं.
आज मेरी मां जीवित नहीं है. अगर आज वह जिंदा होती तो मुझे इन कपड़ों में देखकर बहुत खुश होती. मेरे पिता ने मुझे यहां तक पहुंचाने के लिए बहुत मुश्किलें उठाई है. पैसों की तंगी होने के बावजूद उन्होंने कभी भी मुझे इस बात का एहसास नहीं होने दिया.
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