रंगों का जीवन में बहुत ही महत्व होता है. कई बार इन रंगों को किसी खास चीज को दर्शाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है. सफेद रंग शांति का प्रतीक माना जाता है. जबकि लाल रंग खतरे के निशान के रूप में देखा जाता है. पर क्या आपने कभी स्कूल बसों के रंगों पर गौर किया है. भारत में ही नहीं दुनिया भर में स्कूल बसों का रंग पीला ही होता है. पर ऐसा क्यों होता है. आज इस बारे में हम आपको बताने की कोशिश करेंगे.
अगर रंगों की बात करें तो सबसे ज्यादा वेवलेंथ लाल रंग की होती है, जो लगभग 650 नैनोमीटर होती है. इसी वजह से खतरे के लिए हमेशा लाल रंग का इस्तेमाल किया जाता है, जो दूर से भी दिखाई दे जाता है. वेवलेंथ के मामले में पीला रंग दूसरे नंबर पर आता है. 1930 में पहली बार अमेरिका में स्कूल बस का रंग पीला रखा गया था.
लाल रंग को पहले से ही खतरे के निशान के रूप में उपयोग किया जाने लगा था. इसी वजह से बच्चों को स्कूल लाने-ले जाने वाली बस के रंग के लिए इस रंग का इस्तेमाल करना उचित नहीं था. ऐसे में पीले रंग को स्कूल बसों के लिए उपयोग किया जाने लगा. हालांकि इसके पीछे एक और कारण है.
दरअसल, जब तेज बारिश होती है, घना कोहरा या ओस की स्थिति होती है, तब भी पीला रंग दूर से दिखाई दे जाता है. पीले रंग का पेरीफेरल विजन लाल की तुलना में 1.24 गुना ज्यादा बेहतर है. अगर कोई शख्स सीधे नहीं देख रहा तो भी उसे पता चल जाएगा कि स्कूल बस आ रही है. सुप्रीम कोर्ट ने भी यह निर्देश जारी किया था कि स्कूल बसों का रंग पीला रखा जाए. साथ ही स्कूल बसों के पीछे स्पष्ट तौर पर School Bus लिखा होना चाहिए और स्कूल का नाम और फोन नंबर भी लिखा होना चाहिए.
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