कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है. आजकल के युवाओं को तो अपने लक्ष्य का ही पता नहीं होता. युवा पढ़ाई के बाद भी नौकरी के लिए भटकते हुए नजर आते हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी लड़की की कहानी बता रहे हैं, जिसने अपने देश की सेवा के लिए अमेरिका की ऐशो-आराम की नौकरी छोड़ दी.
हम बात कर रहे हैं लखनऊ की रहने वाली निहारिका भट्ट की, जिन्होंने अमेरिका की ऐशो-आराम की नौकरी छोड़कर भारत लौटने का फैसला किया और अब वह आईपीएस अधिकारी बनकर देश सेवा कर रही हैं. निहारिका ने लखनऊ के इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग से बीटेक की डिग्री हासिल की और पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए अमेरिका चली गई.
अमेरिका के मिशिगन यूनिवर्सिटी से उन्होंने एमटेक किया और उनको अमेरिका के वाशिंगटन डीसी में डिपार्टमेंट ऑफ़ फ़ूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन के पद पर नौकरी मिल गई, जहां उन्होंने 18 महीने तक काम किया. इस दौरान उनको कुछ कमी महसूस हो रही थी. वह अच्छी सैलरी मिलने के बावजूद खुश नहीं थीं. निहारिका अपने देश लौटकर अपने देशवासियों की सेवा करना चाहती थी.
आखिरकार उन्होंने नौकरी छोड़ दी और वह भारत आ गईं. 2014 में निहारिका ने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. काफी कड़ी मेहनत और संघर्षों के बाद निहारिका ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में 146वीं रैंक हासिल की और आईपीएस अधिकारी बन गईं. निहारिका देश के युवाओं के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं हैं.
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