बाल विवाह गैरकानूनी है. लेकिन आज भी कई जगह पर लड़कियों की बेहद कम उम्र में शादी कर दी जाती है. आज हम आपको राजस्थान के जयपुर जिले के चौमू क्षेत्र के करेरी गांव की रहने वाली रूपा यादव के बारे में बता रहे हैं जिनकी शादी 8 साल की उम्र में 12 साल के लड़के से कर दी गई. शादी होने के बावजूद रूपा ने अपनी पढ़ाई जारी रखी और नीट 2017 में उन्होंने 603 अंक प्राप्त किए और उन्हें एक सरकारी कॉलेज में दाखिला मिल गया.
रूपा यादव के साथ-साथ उनकी बहन रुकमा देवी की शादी भी हो गई. दोनों बहनों की शादी दो भाइयों शंकरलाल और बाबूलाल से हुई. शादी के समय रूपा दसवीं में पढ़ती थी. दसवीं में उन्होंने 81% अंक हासिल किए. बहू के पढ़ाई में तेज होने पर उनके जीजा और उनके पति के भाई बाबूलाल ने उनकी आगे की पढ़ाई के लिए उनका एक प्राइवेट स्कूल में दाखिला करवा दिया.
12वीं में रूपा में 81% अंक हासिल किए हालांकि रूपा की आगे की पढ़ाई का खर्चा उठाना ससुराल वालों के लिए मुश्किल था. उनके पति ने टैक्सी चलाना शुरु कर दिया. टैक्सी से जो आमदनी होती थी उससे रूपा की पढ़ाई हुई. लेकिन रूपा के डॉक्टर बनने की कहानी बहुत दिलचस्प है.
पढ़ाई के दौरान रूपा के चाचा भीमराव यादव की हार्टअटैक की वजह से मृत्यु हो गई, तभी उन्होंने ठान लिया कि वह डॉक्टर बनेगी और आखिरकार रूपा ने अपना सपना भी पूरा कर लिया. रूपा ने कोटा के कोचिंग इंस्टिट्यूट में एडमिशन लिया. कोटा में 1 साल मेहनत करने के बाद भी उनका नंबर नहीं आया. फिर संस्थान ने अगले साल रूपा की कोचिंग के लिए 75 फ़ीसदी फीस माफ कर दी. लेकिन दिन-रात मेहनत के बाद रूपा ने नीट में 2283 रैंक हासिल कर ली.
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