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पहाड़ी इलाकों में जड़ी-बूटियों के पौधे बहुत ज्यादा पाए जाते हैं. कीड़े भी जड़ी-बूटियों के रूप में इस्तेमाल किए जाते हैं. हिमाचल की पहाड़ों पर भी ऐसे ही कीड़े पाए जाते हैं, जो बेशकीमती हैं. इन कीड़ों को भारत में कीड़ा-जड़ी के नाम से जाना जाता है. जबकि नेपाल, चीन में इसे यार्सागुम्बा और तिब्बत में यार्सागन्बू के नाम से ये मशहूर है.
हालांकि इसका वैज्ञानिक नाम ओफियोकोर्डिसेप्स साइनेसिस है, जिसे हिमालयन वियाग्रा भी कहा जाता है. यह कीड़ा शरीर में ताकत बढ़ाने के लिए बहुत फायदेमंद होता है. ये कीड़े इतने बेशकीमती होते हैं कि आपको एक कीड़े के लिए लगभग 1000 रुपये चुकाने पड़ेंगे.
नेपाल में तो यह कीड़े 10 लाख रुपए प्रति किलो के भाव से बिकते हैं. लेकिन भारत में इसका व्यापार अवैध है. नेपाल में तो लोग इन कीड़ों को इकट्ठा करने के लिए पहाड़ों पर जाकर वही रहते हैं और काफी दिनों तक कीड़े इकट्ठे करते हैं और उन्हें तगड़े दामों में बेच देते हैं.
दरअसल, ये एक तरह का जंगली मशरूम है जो एक खास कीड़े की इल्लियों यानी कैटरपिलर्स को मारकर उस पर पनपता है. इसे कीड़ा जड़ी इसलिए कहते हैं क्योंकि यह आधा कीड़ा और आधा जड़ी है. अलग-अलग देशों में इसे अलग-अलग नाम से जाना जाता है. एक्सपर्ट कहते हैं कि इस फंगस में प्रोटीन, पेप्टाइड्स, अमीनो एसिड, विटामिन b1, B2, B-12 जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसके सेवन से किडनी, फेफड़े मजबूत होते हैं. यह कैंसर, अस्थमा, पित्त रोग जैसी बीमारियों के लिए भी बहुत उपयोगी है.
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