अधिकारी बनते देखना चाहते थे पिता, तो बेटी ने IPS बनकर सपना किया पूरा

बच्चों के बचपन में कई ऐसी घटनाएं हो जाती है, जिसका असर उनके दिमाग पर बहुत ज्यादा पड़ता है. ऐसा ही कुछ आईपीएस अधिकारी लकी चौहान के साथ हुआ. लकी चौहान जब नर्सरी में थी तो उनके साथ कुछ ऐसा हुआ जिसकी वजह से आज वह एक आईपीएस अधिकारी है. लकी चौहान उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के खुर्जा गांव से ताल्लुक रखती है. उनके पिता रोहतास सिंह चौहान एक व्यापारी है और उनकी मां सुमन लता संस्कृत की अध्यापिका थींं.

लकी बचपन से ही पढ़ाई में तेज थी. जब वह नर्सरी में पढ़ती थी तो उन्होंने स्कूल में होने वाली एक प्रतियोगी परीक्षा में हिस्सा लिया और पहला स्थान हासिल किया. लकी को पुरस्कार देने के लिए जिले के डीएम और एसपी को गेस्ट के रुप में बुलाया गया था. लकी को डीएम ने जब पुरस्कार दिया तो उनके पिता ने उनसे कहा कि तुम्हें भी बड़े होकर डीएम या एसपी बनना है.

लकी के ऊपर पिता की इस बात का इतना गहरा असर हुआ कि उन्होंने आईपीएस बनने का निर्णय कर लिया. जब लकी को जिलाधिकारी ने पुरस्कार दिया था तब वह केवल 4 साल की थी. जब भी लकी से कोई पूछता था कि वह बड़े होकर क्या बनेगी. तो वह यही कहती थी कि मुझे आईपीएस अधिकारी बनना है. वह यह बात केवल कहती नहीं थी, बल्कि उन्होंने इसे सच साबित कर दिखाया.

लकी को स्नातक के बाद सरकारी नौकरी मिल गई. वह नौकरी के साथ-साथ यूपीएससी की तैयारी भी करती रही. 2 प्रयासों में उन्हें यूपीएससी परीक्षा में सफलता नहीं मिली. लेकिन तीसरी बार जब उन्होंने यूपीएससी परीक्षा दी तो उन्होंने देश भर में 246वीं रैंक हासिल की और उनका आईपीएस अधिकारी के पद पर चयन हो गया. लकी के आईपीएस पद पर चुने जाने की खबर सुन के सबसे ज्यादा खुश उनके माता-पिता ही हुए थे. वर्तमान में लकी त्रिपुरा के गोमती नगर जिले में एसपी के पद पर अपनी सेवाएं दे रही हैं.

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