नाई की दुकान पर आप भी जाते होंगे. लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि कोई नाई करोड़पति हो सकता है. अगर नहीं तो आज हम आपको भारत के करोड़पति नाई रमेश बाबू की कहानी बता रहे हैं जिनके गैराज में बीएमडब्ल्यू, रोल्स रॉयस जैसी 400 लग्जरी कारें हैं. रमेश बाबू के पिता जी गोपाल बेंगलुरु में नाई थे. जब रमेश 7 साल के थे, तभी उनके पिता का निधन हो गया. ऐसे में रमेश की मां के ऊपर मुश्किलों का पहाड़ टूट पड़ा और उन्हें घर चलाने के लिए हाउस हेल्पर का काम करना पड़ा.
मां ने दुकान को किराए पर दे दिया. रमेश छोटे-मोटे काम करते थे. वह पढ़ाई भी करते थे. दसवीं के बाद रमेश बाबू ने पढ़ाई छोड़ कर पिता की दुकान चलाना शुरु कर दिया. उन्होंने दुकान का नाम इनर स्पेस रखा. यह दुकान स्कूल के पास शॉपिंग कंपलेक्स में थी. कुछ ही दिनों में रमेश की दुकान चलने लगी.
रमेश कुछ बड़ा करना चाहते थे. इसीलिए उन्होंने पैसे बचाकर 1993 में मारुति वैन खरीदी. उन्होंने यह गाड़ी किराए पर देने की सोची. रमेश बाबू को इंटेल कंपनी में पहला कॉन्ट्रैक्ट मिला, जिसकी मदद से वह अपना कस्टमर बेस बनाने लगे और उन्हें फिर अंदाजा हो गया कि वह ऑटोमोबाइल रेंटल से बहुत मुनाफा कमा सकते हैं.
2004 में रमेश बाबू ने लग्जरी कार रेंटल और सेल्फ़-ड्राइव बिज़नेस शुरू किया. उन्होंने सबसे पहले 38 लाख में Mercedes E Class Luxury Sedan में खरीदी. आज वह करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं. उनके गैराज में Rolls Royce Sliver Ghost, Mercedes C, E और S Class, BMW 5, 6, 7 सीरीज़ समेत 400 लग्जरी कारें हैं. रमेश आज भी अपने सलून में 5 घंटे काम करते हैं और अपने कस्टमर के बाल भी खुद काटते हैं.
Leave a Reply