प्याज की कीमतें फिर से बढ़ रही हैं और अब आने वाले दिनों में प्याज की कीमतें आसमान छू सकती हैं. मानसून के चलते प्याज की फसल तैयार होने में हो रही देरी की वजह से प्याज की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हो सकती है. क्रिसिल रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर-नवंबर के दौरान प्याज की कीमतों के दाम उच्च स्तर पर बने रह सकते हैं.
प्याज की कीमतों में 2018 की तुलना में 100 फ़ीसदी तक तेजी आ सकती है. मानसून की वजह से महाराष्ट्र में प्याज की रोपाई में मुश्किल आ रही है जिस वजह से इस बार प्याज का प्रोडक्शन भी कम हो सकता है और इसका असर सीधे-सीधे प्याज की कीमतों पर पड़ेगा.
अगस्त के महीने में बारिश कम हुई. लेकिन सितंबर में ज्यादा बारिश होने की संभावना है. ऐसा होने से प्याज की रोपाई में देरी होगी और इसका असर प्रोडक्शन पर पड़ेगा, जिस वजह से खरीफ प्याज की कीमतें बढ़ जाएंगी. मानसून के चलते महाराष्ट्र से प्याज की फसल आने में देरी होने की संभावना है.
महाराष्ट्र में प्याज की पैदावार सबसे ज्यादा होती है. बता दें कि पिछले साल त्योहारी सीजन में प्याज की कीमतें दोगुनी हो गई थी, जिस वजह से लोगों की जेब पर बहुत असर पड़ा था. पिछले साल आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में मानसून की वजह से प्याज की फसल को बहुत नुकसान हुआ था, जिसके चलते प्याज की कमी हो गई थी और कीमतें आसमान होने लगी थी.
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