कूली का बेटा अगर बिजनेसमैन बन जाए तो इस बात पर किसी को यकीन नहीं होगा. लेकिन यह ऐसे ही एक शख्स की कहानी है, जिसने इडली-डोसे जैसे नाश्ते को बेचकर करोड़ों की कंपनी खड़ी कर ली. यह कहानी है ID Fresh कंपनी के स्थापक पीसी मुस्तफा की, जो वायनाड के चिन्नालोड़े गांव में जन्मे. उनके पिता एक कॉफी बागान में कूली का काम करते थे.
बचपन से ही मुस्तफा पढ़ाई में बहुत तेज थे. लेकिन आर्थिक परिस्थितियां ठीक ना होने की वजह से वह पढ़ाई को समय नहीं दे पाते थे और अपने पिता का हाथ भी बंटाते थे. आठवीं कक्षा में मुस्तफा फेल हो गए. इसके बाद दसवीं कक्षा में उन्होंने खूब मेहनत की और पहला स्थान प्राप्त किया. मुस्तफा ने नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में कंप्यूटर साइंस में दाखिला ले लिया.
पढ़ाई के बाद उन्हें अमेरिका के एक एक भारतीय स्टार्टअप मैनहैट्टन एसोसिएट्स में नौकरी मिल गई. लेकिन मुस्तफा का दिल खुश नहीं था. वो कुछ बड़ा करना चाहते थे. मुस्तफा ने कुछ नया करने की सोचा. हालांकि लोगों को उनका यह फैसला उस समय सही नहीं लगा था. 2005 में उन्होंने 25,000 रुपए का निवेश कर इडली-डोसा बनाने के लिए जरूरी मिश्रण बेचने वाली कंपनी शुरू की. उनके चचेरे भाइयों ने भी उनकी मदद की.
शुरुआती समय में तो कंपनी एक दिन में महज 100 पैकेट बेच पाती थी. लेकिन आज इस कंपनी के हर रोज 50,000 पैकेट बिकते हैं. मुस्तफा ने 650 लोगों को रोजगार भी दिया है. वह अब अपने पांव दुबई में जमाने की कोशिश कर रहे हैं. इस कंपनी का टर्नओवर 2019-2020 में 350-400 करोड़ तक पहुंच गया. मुस्तफा ने ग्रामीणों को भी आगे बढ़ने का मौका दिया. पीसी मुस्तफा अब ब्रेकफास्ट किंग के नाम से मशहूर हो चुके हैं.
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